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2015 में पीएचडी में रजिस्टर्ड छात्रों की बढ़ेगी परेशानी
वोकेशनल कोर्स. यूजीसी ने रेगुलर फैकल्टी नहीं होने पर जतायी आपत्ति पटना : पटना यूनिवर्सिटी में 2013 के पीआरटी में सफल छात्र को भी पीएचडी करने में परेशानी आ सकती है, क्योंकि पीयू ने आरटीआई में साफ शब्दों में कहा है कि पीयू को कई विषय में यूजीसी ने मान्यता नहीं है. वहीं इस दौरान […]
वोकेशनल कोर्स. यूजीसी ने रेगुलर फैकल्टी नहीं होने पर जतायी आपत्ति
पटना : पटना यूनिवर्सिटी में 2013 के पीआरटी में सफल छात्र को भी पीएचडी करने में परेशानी आ सकती है, क्योंकि पीयू ने आरटीआई में साफ शब्दों में कहा है कि पीयू को कई विषय में यूजीसी ने मान्यता नहीं है. वहीं इस दौरान कई विषय में पीएचडी में शामिल स्टूडेंट्स टेंशन में आ गये हैं.
यूजीसी ने साफ शब्दों में कह दिया है कि यूजीसी जिसे मान्यता नहीं देती या जो नियम पर खरे नहीं उतरते उस विषय में पीएचडी नहीं होनी चाहिए. इसके साथ यूजीसी ने कहा है कि जिस कोर्स में रेगुलर फैकल्टी नहीं है उस कोर्स में पीएचडी नहीं हो सकता है.
पीयू में कई विभागों में पीएचडी कोर्स यूजीसी की नियमावली के विपरीत संचालित किया जा रहा है. पीयू ने इसकी पुष्टि आरटीआई के तहत मांगी गयी सूचना में की है. इससे पहले से पत्रकारिता और एमबीए, एमसीए के साथ वीमेंस स्टडीज के साथ अन्य विषयों में पीएचडी कर रहे स्टूडेंट्स की पीएचडी पर खतरा बढ़ गया है. उनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है.
पीएचडी संबंधित विभाग करा रहे हैं
2013 के पीआरटी में शामिल स्टूडेंट्स 2015 में रजिस्टर्ड हुए है. इसमें कई वोकेशनल कोर्स में बगैर रेगुलर फैकल्टी के ही पीएचडी हो रही है. इसमें संबंधित विभाग के शिक्षक पीएचडी कराते हैं. पत्रकारिता, एमसीए, एमबीए, वीमेंस स्टडीज, सोशल वर्क, मास्टर ऑफ फाइनांस आदि में रेगुलर फैकल्टी नहीं है. इसमें संबंधित विभाग ही पीएचडी करा रहा है.
इस बार भी कई विभागों में शिक्षक नहीं हैं लेकिन जारी कर दिया रिजल्ट
पीएचडी के लिए पैट का आयोजन किया गया था. इसका रिजल्ट मंगलवार को जारी किया गया था. कई ऐसे विभाग का भी रिजल्ट जारी किया गया है जिसमें रेगुलर फैकल्टी नहीं है. वहीं इस बार मानविकी में पीएचडी के लिए 181 सीट, सोशल साइंस फैकल्टी में 200 सीटें और साइंस फैकल्टी में 369 सीटें पीएचडी के लिए खाली है. वहीं लॉ के लिए 17, एजुकेशन के लिए 11 और कॉमर्स के लिए 32 सीटें खाली हैं, लेकिन इस बार टेस्ट में सफल होने वाले उम्मीदवार की संख्या काफी है.
आरटीआई में बताया कोर्स को मान्यता नहीं
पंजाब यूनिवर्सिटी के मुकेश कुमार ने आरटीआई से 31 जनवरी को सूचना मांगी थी कि पत्रकारिता में पीएचडी को यूजीसी से मान्यता है या नहीं? इसके जवाब में पीयू ने ‘नहीं’ कहा. वहीं आवेदक को अधिक जानकारी के लिए विभाग से संपर्क करने को कहा.
मुकेश ने इस संबंध में वोकेशनल कोर्स में पीएचडी कराने की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से कर दी है. इस संबंध में यूजीसी ने पीयू से जवाब मांग दिया कि रेगुलर फैकल्टी नहीं होने की स्थिति में पीएचडी कोर्स कैसे संचालित किया जा रहा है. वोकेशनल कोर्स में पीएचडी पीयू प्रशासन के अनुमति मिलने पर ही शुरू हुआ था, लेकिन पीयू प्रशासन ने स्पष्ट जवाब न देकर विभाग से संपर्क करने की बात आरटीआई में कहा है.
पीएचडी पर बोले अधिकारी
यूजीसी के गाइड लाइन के बिना कोई भी कोर्स कहीं संचालित नहीं हो सकता है. अगर कोई छात्र को जानकारी लेनी हो तो वह यूजीसी में शिकायत कर सकता है.
दीप शिखा राजपूत, यूजीसी पीआरओ
यूजीसी का गाइड लाइन बाद में आया था और उससे पहले 2015 में कई लोग रजिस्टर्ड हो गये. अभी पुराने पर कुछ निर्णय नहीं हो सकता है. इस संबंध में पीयू देखेगी.
प्रो एनके झा, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, पीयू
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