* जल्ला के गांव में बारिश से फसल को हुआ नुकसान
पटना सिटी : आलू-प्याज ही जल्ला के गांव की मुख्य खेती है. पटना जल्ला किसान संघ के अध्यक्ष ज्योतिष चंद्र कुशवाहा की माने तो एक एकड़ प्याज की खेती में 80 हजार रुपये बीज, मजदूरी व रोपनी में खर्च होता है. यह राशि किसान बैंक व साहुकार से कर्ज लेकर जुटाते हैं.
स्थिति यह है कि खेतों में लगातार दो दिनों की बारिश के बाद पानी जमा हो गया है. जिस वजह से तैयार प्याज की फसल सड़ने लगी है. क्योंकि सूखे खेतों से निकाले गये प्याज को किसान चाली पर रख कर साल भर बेचते हैं. किसानों के अनुसार यहां से प्याज पश्चिम बंगाल, असम व झारखंड के साथ दूसरे राज्यों में बिक्री के लिए जाता है.
वहीं पटना सदर के प्रखंड विकास पदाधिकारी रज्जन लाल निगम ने कहा कि अभी तक ऐसी सूचना नहीं है, किसान लिखित में देंगे, तो उच्चधिकारियों के पास आवेदन भेज दिया जायेगा.
* इन गांवों में हुआ नुकसान
पटना सदर प्रखंड के छह पंचायत महुली, फतेहपुर, सोनामा, मरची, सबलपुर व पुनाडीह में एक दर्जन से अधिक गांव में बारिश का पानी जमा हो जाने से फसल को नुकसान पहुंचा है. किसानों की मानें तो मरचा, मरची, महुली, गौहरपुर, कोठिया, बराठपुर, पैजाबा, चकिया व रानीपुर समेत अन्य गांव में प्याज की खेती होती है, जो प्रभावित हुई.
* सब्जी पर भी असर
किसानों की मानें, तो बेमौसम बारिश का असर सब्जी की खेती पर भी पड़ा है. जल्ला के गांव में किसान नेनूआ, भिंडी, करैला, अरबी, लाल व पालक साग, मिर्चा समेत अन्य मौसमी सब्जी उगाते हैं, लेकिन बारिश के कारण सब्जी का लतर डूब गया है.
* संघर्ष करेंगे किसान
बारिश से निराश किसानों की बैठक पटना जल्ला किसान संघ के अध्यक्ष ज्योतिष चंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें तय हुआ कि किसान अपनी समस्या सरकार के सामने रखेंगे और मुआवजे की मांग की जायेगी. यदि सरकार से मुआवजा नहीं मिलता है, तो किसान संघर्ष करेंगे. बैठक में गंगा सागर, रमेश कुमार, किसान मेहता, राजेदव मेहता, श्रवण मेहता, अनिल मेहता, महेश प्रसाद, चंद्रभूषण समेत अन्य किसान उपस्थित थे.