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पटना : विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग

दुर्घटना. भवन निर्माण मंत्री का सभाकक्ष जल कर खाक एसी में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की जतायी जा रही आशंका मची अफरा-तफरी, चार दमकल की गाड़ियों ने बुझायी आग पटना : बुधवार की शाम पांच बजे अचानक ही विश्वेश्वरैया भवन में स्थित भवन निर्माण विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी के सभाकक्ष सह गेस्ट रूम […]

दुर्घटना. भवन निर्माण मंत्री का सभाकक्ष जल कर खाक
एसी में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की जतायी जा रही आशंका
मची अफरा-तफरी, चार दमकल की गाड़ियों ने बुझायी आग
पटना : बुधवार की शाम पांच बजे अचानक ही विश्वेश्वरैया भवन में स्थित भवन निर्माण विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी के सभाकक्ष सह गेस्ट रूम में आग लग गयी. जिसके चलते कमरे में रखे एसी, टेबुल, कुर्सी, परदे आदि जल कर खाक हो गये.
हालांकि घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस के साथ ही दमकल की चार गाड़ियां वहां पहुंचीं. काफी मशक्कत के बाद आग को बुझा लिया गया. इस बीच अगलगी के बाद विश्वेश्वरैया भवन में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. जिस समय यह घटना हुई उस समय अपने कार्यालय कक्ष में महेश्वर हजारी भी मौजूद थे. हालांकि वे भी अपने कक्ष को छोड़ कर बाहर निकल गये. फायर बिग्रेड की प्रभावी सतर्कता की वजह से आग अधिक नहीं फैल पायी. लोदीपुर फायर स्टेशन के प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि आग लगने की घटना फिलहाल एसी में शॉर्ट सर्किट के कारण हुई है. हालांकि हर पहलू पर छानबीन की जा रही है.
आग से बचाव के लिए भवन निर्माण विभाग के मंत्री के कार्यालय कक्ष भवन में मात्र दो किलो के दो फायर उपकरण ही लगे थे. यह आग बुझाने के लिए नाकाफी था. दीगर बात यह है कि उस फायर उपकरण में से एक से एक कर्मचारी ने आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह उस फायर उपकरण को नहीं चला पाया. इसके साथ ही वह फायर उपकरण पर मेन्यूफैक्चरिंग डेट 2014 का ही था. फायर विशेषज्ञ के अनुसार वह एक्सपायर्ड था. मसलन एक बार उसे लगा दिया गया, तो उसे बदलने की कोशिश भी नहीं की गयी.
पूरे विश्वेश्वरैया भवन में आग से सुरक्षा को लेकर नहीं थे कोई इंतजाम
छह मंजिले विश्वेश्वरैया भवन में आग से सुरक्षा को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं थे. इस भवन में भवन निर्माण विभाग, परिवहन विभाग के अलावे भी कई विभाग हैं. लेकिन उन तमाम विभागों के कार्यालयों में कहीं भी फायर उपकरण नहीं लगे थे. इसके साथ ही कुछ मंत्रियों का भी वहां कार्यालय कक्ष है.
औपचारिकता के लिए एक-दो छोटे-छोटे फायर उपकरण को लगा दिया गया है. इसके अलावा कोई प्रशिक्षित व्यक्ति उस पूरे भवन में तैनात नहीं है, जो उन फायर उपकरणों को चला सके. बुधवार को भवन निर्माण विभाग में लगी आग के बाद इस बात की असलियत भी सामने आ गयी. हर बार की तरह इस बार भी दमकल की गाड़ियों का इंतजार किया गया. दमकल की गाड़ियां समय पर पहुंच गयीं और दूसरे कक्ष में आग बढ़ने से रोक लिया गया.
लगे है दर्जनों एसी, तार की व्यवस्था भी है अस्त-व्यस्त
इस पूरे भवन में हर फ्लोर पर दर्जनों एसी लगे हैं. लेकिन भवन में बिजली के तार की व्यवस्था अस्त-व्यस्त है.कई जगहों पर आसानी से झूलते हुए तारों को देखा जा सकता है. बिजली के तार को भी सही ढंग से व्यवस्थित नहीं किया गया है. इस कारण भविष्य में फिर से शॉट सर्किट की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. जबकि उन बिखरे तारों को वहां पदस्थापित अधिकारी प्रतिदिन देखते हैं, क्योंकि वे अपने कार्यालय कक्ष में जाने के लिए उसी गैलरी से हाेकर गुजरते हैं. लेकिन इसके बावजूद किसी का ध्यान इस ओर नहीं है.
इतने बड़े भवन में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम की अनदेखी के कारण पूर्व में भी विकास भवन में अगलगी की घटना हुई थी और उसने बड़ा रूप ले लिया था. विश्वेश्वरैया भवन की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों ने भी बताया कि अाग से सुरक्षा के लिए यहां आवश्यक इंतजाम किया जाना चाहिए.

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