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बिहार : अभी से ही गंगा में उभर आये हैं टापू, क्लाइमेट चेंजिंग से नदियों की स्थिति पर सीधा असर
पटना : प्रदूषण की मार झेल रही गंगा में अब पानी का भी टोटा हो चला है. सर्वमान्य तथ्य है कि अक्सर गर्मियों में गंगा सहित दूसरी मैदानी नदियों का बहाव थमने लगता है. हालांकि इस बार स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि मार्च अभी खत्म ही होने को है और गंगा में दर्जनों टापू उभर आये […]
पटना : प्रदूषण की मार झेल रही गंगा में अब पानी का भी टोटा हो चला है. सर्वमान्य तथ्य है कि अक्सर गर्मियों में गंगा सहित दूसरी मैदानी नदियों का बहाव थमने लगता है. हालांकि इस बार स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि मार्च अभी खत्म ही होने को है और गंगा में दर्जनों टापू उभर आये हैं. यह परिदृश्य पटना शहर से कुछ दूरी पर सहज ही देख सकते हैं.
इसके पीछे क्लाइमेट चेंजिंग अहम वजह है. केंद्रीय जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट में नदियों की आंतरिक स्थितियों में आये बदलावों को चिह्नित किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच दशक के आंकड़े बताते हैं कि गंगा नदी घाटी परिक्षेत्र के तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. धरातल के तापमान में भी इजाफा हुआ है. नदियों में यह बदलाव वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज होने से है.
इस रिपोर्ट की पुष्टि इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के आंकड़े भी करते हैं. इन आंकड़ों को बिहार पर्यावरण मंत्रालय ने स्वीकार किया है. बिहार क्लाइमेट चेंजिंग से जुड़ी 2016 की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के धरातल के तापमान में 0.1 से 0.6 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है. बिहार में समूचा गंगा बेसिन जलोढ़ मिट्टी का है. यहां की परिस्थितियां ऐसी हैं कि तापमान बढ़ने से अब वाष्पीकरण की प्रक्रिया और तेज होगी. ऐसा अकेले गंगा में नहीं प्रदेश के दूसरे जल स्रोतों में भी होगा. पटना शहर के पास दीघा और गायघाट में गंगा के सूखने की स्थिति है.
कुछ अहम बिंदु
गंगा में नये टापुओं और नदी बहाव क्षेत्र में नयी जमीन के बाहर निकल आने की कुछ खास वजहें भी हैं. बिहार में बारिश में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2005 से 2009 के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि औसत बारिश 1091.81 एमएम से घट कर 900 एमएम तक सिमट गयी.
सामान्य तापमान में 0.6 से 1.5 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है
रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्टेड तापमान, जो नदियों को सुखा डालेगा
तापमान की स्थिति यही रही, तो वर्ष 2011 से 2040 के बीच बिहार के तापमान में 0.8 से 1.9 डिग्री का इजाफा तय है.
2011 से 2040 के बीच दिसंबर व जनवरी में बिहार के तापमान 0.2 से 1.0 डिग्री का इजाफा.
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