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पटना एयरपोर्ट पर और पुख्ता होंगे सुरक्षा इंतजाम
प्रति दस लाख फ्लाइट ऑपरेशन में केवल छह ही होती है दुर्घनाग्रस्त पटना : विमान यात्रा रेल और सड़क यात्रा की तुलना में हमेशा से अधिक सुरक्षित रहा है, जिसमें प्रति दस लाख फ्लाइट ऑपरेशन में केवल छह ही दुर्घटनाग्रस्त होती है. तकनीकी उन्नति और सेटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम के प्रचलन में आने से पूरे […]
प्रति दस लाख फ्लाइट ऑपरेशन में केवल छह ही होती है दुर्घनाग्रस्त
पटना : विमान यात्रा रेल और सड़क यात्रा की तुलना में हमेशा से अधिक सुरक्षित रहा है, जिसमें प्रति दस लाख फ्लाइट ऑपरेशन में केवल छह ही दुर्घटनाग्रस्त होती है. तकनीकी उन्नति और सेटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम के प्रचलन में आने से पूरे दुनिया में एयर सेफ्टी मेजर्स दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. 25 मार्च से 24 घंटे विमानों का परिचालन और नाइट हॉल्ट शुरू होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर भी हवाई सुरक्षा के प्रबंध और पुख्ता होंगे. विमानों के सेफ्टी इंसपेक्शन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा और उनकी वृहद फिटनेस जांच (बेसिक सेफ्टी इंसपेक्शन) संभव होगी.
दो बार सामने आ चुकी प्री फ्लाइट इंसपेक्शन की चूक
पिछले वर्ष दो बार कम समय में किये जाने वाले ट्रांजिट सेफ्टी इंसपेक्शन की चूक सामने आ चुकी है. पहली घटना 30 जून को हुई, जब रनवे पर 100 नॉटिकल माइल की गति से दौड़ते एयरबस 320 के एक इंजन से तेज आवाज के बाद धुआं निकलने लगा और विमान को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर उड़ने के तीन चार सेकेंड पहले रोका गया नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. उसके 13 दिनों बाद भी एक फ्लाइट को दौड़ शुरू करने से ठीक पहले रोकना पड़ा क्योंकि पायलट को विमान के डिस्प्ले बोर्ड में तकनीकी खराबी दिखी थी. दोनों विमानों की घटना के कुछ ही मिनट पहले ट्रांजिट इंसपेक्शन की गई थी, लेकिन टीम विमान में मौजूद अंदरुनी तकनीकी खामी का पता नहीं लगा सकी थी.
वृहद चेकिंग के दौरान समय सीमा निर्धारित नहीं होती. विमानों के रात में लंबे समय तक एप्रन में खड़े होने की वजह से मेंटेनेंस टीम के पास पर्याप्त समय होता है. इस दौरान इंजन के भीतरी पार्ट-पुर्जों का भी निरीक्षण किया जाता है और उसकी फिटनेस जांची जाती है. इससे छोटी से छोटी कमी भी सामने आ जाती है और क्षतिग्रस्त पार्ट-पुर्जे को दुरुस्त कर दिया जाता है.
हवाई सुरक्षा मानकों के बेहतर होने के बावजूद यात्रियों का भय खत्म नहीं हो रहा है. पिछले दिनों अमेरिका के एक्सप्रेस डॉट कॉम द्वारा इस संदर्भ में एक वृहद सर्वे किया गया. उसमें हवाई यात्रियों से पूछा गया कि उन्हें कहां और क्यों सबसे अधिक भय लगता है.
2017 में नहीं हुई एक भी हवाई दुर्घटना
वर्ष 2017 हवाई सुरक्षा के संबंध में मील का पत्थर बन गया है. फ्लाइट सेफ्टी फाउंडेशन, अमेरिका की मानें तो पूरे वर्ष के दौरान दुनिया में कहीं भी एक भी यात्री की जान हवाई दुर्घटना में नहीं गई. हालांकि युद्धक और मालवाहक विमान इस दौरान भी दुर्घटनाग्रस्त हुए और उनमें मानव जीवन की क्षति भी हुई.
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