31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संस्कृति बचेगी तो ही बचेगा भारत

पटना : भारत की पहचान उसकी संस्कृति से है. संस्कृति बचेगी, तो भारत भी बचेगा. गृहस्थ जीवन को त्याग कर धर्म की स्थापना नहीं होती. इसकी स्थापना घर में रहकर करनी चाहिए. भारत अपना घर है और संस्कृति हमारा धर्म. हमें अपने घर के धर्म और संस्कृति काे बचाना होगा. इसके लिए यात्रा होनी चाहिए. […]

पटना : भारत की पहचान उसकी संस्कृति से है. संस्कृति बचेगी, तो भारत भी बचेगा. गृहस्थ जीवन को त्याग कर धर्म की स्थापना नहीं होती. इसकी स्थापना घर में रहकर करनी चाहिए. भारत अपना घर है और संस्कृति हमारा धर्म. हमें अपने घर के धर्म और संस्कृति काे बचाना होगा. इसके लिए यात्रा होनी चाहिए.
ये बातें बुधवार को विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट व विश्व शांति सेवा समिति की अोर से गर्दनीबाग स्थित संजय गांधी स्टेडियम में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा के पहले दिन देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी ने कहीं. कथा की शुरुआत दीप प्रज्जवलन, आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुई. उन्होंने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल बहुत सी यात्राएं होती है, लेकिन भारत में एक यात्रा होनी चाहिए संस्कृति को बचाने की यात्रा, अगर संस्कृति बचेगी तो भारत बचेगा. अगर संस्कृति नहीं बची तो भारत खतरे में पड़ जायेगा.
उन्होंने कहा की हम फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं.
उन्होंने ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर बड़े हिंदूवादी मिलते हैं लेकिन घरों में हिंदू नहीं बचे हैं. उन्होंने कहा की असली हिंदू वही है, जिसकी आने वाली पीढ़ी भगवान की पूजा करता हो. धर्म की शुरुआत मां बाप की इज्जत करने, संस्कृति की इज्जत करने से होती है. भक्ति वो है की आप अपने काम के प्रति ईमानदार रहे. बच्चों को सीख देते हुए कहा कि जीवन में अच्छा संग तुम्हें महान बना देता है और बुरा संग बेईमान बना देता है.
समझाया पाप और पुण्य को
देवकी नंदन महाराज ने भक्तों से कहा कि कभी भी किसी भी व्यक्ति के पाप में साथ नहीं देना चाहिए. बच्चों को भी स्पष्टवादी होना चाहिए. छह वर्ष
तक का बच्चा अगर कोई पाप
करता है, तो उसका फल पिता को भोगना पड़ता है और पत्नी जो पाप करती है उसका 50 फीसदी पाप भी पुरुष को ही लगता है. लेकिन अगर पत्नी सतकर्म करती है तो उसका एक फीसदी पाप भी पुरुष को नही लगता.
बच्चों का पाप, पत्नी का पाप 50 फीसदी और खुद का पाप इन सब की जिम्मेदारी पुरूष की है. उन्होंने कहा की घर छोड़ कर बाबा बन कर धर्म की स्थापना नहीं होती, श्रीराम गृहस्थी थे और वहीं धर्म के सबसे बड़े संस्थापक थे. घर में रहकर धर्म की स्थापना करनी चाहिए,

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें