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बिहार में अबॉर्शन का बढ़ रहा आंकड़ा, महिलाएं तेजी से हो रहीं बांझपन की शिकार
पटना : प्रदेश की अधिकांश महिलाओं में इन दिनों बांझपन की समस्या तेजी बढ़ती जा रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह की गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करना और गलत तरीके से अबॉर्शन कराना है. यह नतीजा स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रदेश भर […]
पटना : प्रदेश की अधिकांश महिलाओं में इन दिनों बांझपन की समस्या तेजी बढ़ती जा रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह की गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करना और गलत तरीके से अबॉर्शन कराना है. यह नतीजा स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रदेश भर में चलाये गये महिला स्वास्थ्य शिविर के आंकड़ाें से निकल कर सामने आया है. इससे प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी भी चौंक गये हैं. आंकड़ों में बांझपन की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.
मामूली बुखार को भी लें गंभीरता से बांझपन का प्रमुख कारण पेल्विक
इंफ्लेमेटरी डिजीज है. असुरक्षित तरीके से गर्भपात कराये जाने से एक खास किस्म का बैक्टीरिया विकसित हो जाता है. इसके कारण जननांगों, अंडाशय, फालोपियन ट्यूब्स, ग्रीवा व गर्भाशय आदि में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते हैं. सबसे खतरनाक बात यह है कि बिना किसी लक्षण के ये कीटाणु अपना असर दिखाने लगते हैं. इनके कारण होने वाले मामूली बुखार को महिलाएं गंभीरता से नहीं लेतीं. कई बार यह संक्रमण एपेंडिक्स और आंत के हिस्सों तक फैल जाता है और मरीज पेस्टिनाइटिस का शिकार हो जाता है. इसकी वजह से बांझपन की शिकायत हो सकती है.
-डॉ रजनी शर्मा, स्त्री व प्रसूति रोग
विशेषज्ञ, पीएमसीएच
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