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मास्टर इंटीग्रेशन से लाखों होंगे लाभान्वित
पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से मिलेगी सुविधा पटना : सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त सह स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस दौरान मेयर सीता साहू, जिलाधिकारी कुमार रवि, नगर आयुक्त केशव रंजन सहित स्पेनी कंपनी के प्रतिनिधि सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में शहर को स्मार्ट […]
पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से मिलेगी सुविधा
पटना : सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त सह स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस दौरान मेयर सीता साहू, जिलाधिकारी कुमार रवि, नगर आयुक्त केशव रंजन सहित स्पेनी कंपनी के प्रतिनिधि सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
बैठक में शहर को स्मार्ट बनाने व सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर एक कदम और आगे प्रोजेक्ट बढ़ा. बैठक में दस योजनाओं की एसएआर (योजनाओं की उपयोगिता पर रिपोर्ट) की स्वीकृति भी दी गयी. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सूचना प्रोद्योगिकी के माध्यम से नागरिक सुविधा के लिए भी काम कंपनी को प्रोजेक्ट के अनुसार काम करने के लिए निर्देश दिया गया. दोनों सुविधाओं यानी मास्टर इंट्रीगेटशन के तहत 16.84 लाख लोगों को सुविधा मिलेगी.
15 मार्च तक टेंडर निकालने का निर्देश : बैठक में मास्टर इंट्रीग्रेशन सिस्टम यानी एमएसआर व्यवस्था को लागू करने लिए एजेंसी को 15 मार्च तक टेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया. इस सिस्टम के तहत ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्टक्चर को बेहतर बनाया जायेगा. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिक सुविधा के तहत कई छोटे बड़े प्रोजेक्ट तैयार किये जायेंगे.
170 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. स्मार्ट सॉल्यूशन के तहत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना, सैकड़ों जगहों पर सीसीटीवी, एलइडी लाइट, पर्यावरण जानकारी के लिए सेंसर, वाई-फाई जोन, कचरा एवं आपदा प्रबंधन पर काम की शुरुआत पहले चरण में की जा रही है.
बैठक में उपरोक्त दो प्रोजक्टों की स्वीकृति के बाद दस बड़े प्रोजेक्टों का सॉल्यूशन एनालिसिस रिपोर्ट (एसएआर) तैयार करने का निर्देश दिया गया. ताकि इन प्रोजेक्टों से कितने व किस इलाके के लोगों को फायदा मिलेगा.
योजना की उपयोगिता क्या है. इसके अलावा इस योजना को पूरा करने के लिए आगे क्या क्या करना होगा. बैठक में एसएआर के लिए मंदिरी नाला पर सड़क निर्माण, हार्डिंग पार्क का विकास, अदालतगंज स्लम का फिर से विकास, वीर चंद पटेल पथ को मॉडल सड़क बनाने का काम, जन सेवा केंद्र, चाइल्ड व एजुकेशन के प्रोजेक्ट है. प्रोजेक्टों पर फिजिविलिटी रिपोर्ट बनायी जायेगी.
गांधी मैदान में बनेगा ओपन मूवी थियेटर : इन प्रोजेक्टों के अलावा गांधी मैदान में ओपन मूवी थियेटर सेंटर का प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश भी दिया गया. इसके लिए इओआई तैयार करने का निर्देश दिया गया. वहीं इंटिग्रेटेट कमांड कंट्रोल सेंंटर की स्थापना करने के लिए स्थायी स्थल के चयन करने के भी निर्देश दिया गया.बीते वर्ष केंद्र की ओर से बीते जून में पटना का चयन होने के बाद अब तक जमीन पर कुछ भी नहीं उतरा है. स्मार्ट सिटी का सपना अभी भी बहुत दूर है.
स्मार्ट सिटी का खाका तैयार करने करीब छह आठ पहले स्पेन की कंपनी का चयन हुआ. इसमें जिन योजनाओं की घोषणा हुई थी, उसकी अभी उपयोगिता व जरूरत पर ही चर्चा और बैठक हो रही है. शहर को अभी भी स्मार्ट सिटी की पहली डीपीआर तैयार होने का इंतजार है. विकास की गंगा बहने की बात तो अभी हकीकत से कोसों दूर की बात है. ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब सात माह में जमीन पर कुछ भी नहीं जमीन पर हुआ, तो अगले साढ़े चार वर्ष में इतनी भारी भरकम योजनाएं कैसे पूरी होंगी?
दो माह से मैनपावर ही जुटा रही स्पेन की कंपनी : स्मार्ट सिटी के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में बीते 22 नवंबर को स्पेन की कंपनी का चयन हुआ था.
बैठक मुख्य रूप से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के चयन के लिए की गयी थी. बैठक में स्मार्ट सिटी में स्पेन की कंपनी इप्टिसा (eptisa servicious de ingnieria s.l) प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी काे काम दिया गया. कंपनी अब पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सभी योजनाओं को भौतिक रूप देने के लिए विकास का खाका तैयार करेगी.
तीन सप्ताह में ही देनी थी रिपोर्ट : पीएमसी के फाइनल होने के साथ ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी को तीन सप्ताह के भीतर अपना कंपनी माॅडल तैयार करने का निर्देश दिया था. कंपनी को पटना शहर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कुल 43 एक्सपर्ट लगाने के लिए कहा गया था. इसके लिए दो दर्जन से अधिक पद बनाये गये हैं. अभी तक जगह भी तय नहीं हो पायी है.
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