31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : पटना जू के दर्शक अब 12 की जगह महज दो गैंडे का कर सकेंगे दीदार, शिफ्ट कर दिया जायेगा

पटना : पटना जू गैंडों को लेकर विश्व प्रसिद्ध है. यहां छोटे-छोटे इनक्लोजर में बंद 12 गैंडे हैं, जिनका उन्मुक्त विचरण और अन्य गतिविधियां देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.लेकिन अब इच्छुक दर्शकों को जल्द ही पटना जू जाकर अपना शौक पूरा कर लेना होगा. कुछ महीनों बाद उन्हें पटना जू के एक्जीबिटरी […]

पटना : पटना जू गैंडों को लेकर विश्व प्रसिद्ध है. यहां छोटे-छोटे इनक्लोजर में बंद 12 गैंडे हैं, जिनका उन्मुक्त विचरण और अन्य गतिविधियां देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.लेकिन अब इच्छुक दर्शकों को जल्द ही पटना जू जाकर अपना शौक पूरा कर लेना होगा. कुछ महीनों बाद उन्हें पटना जू के एक्जीबिटरी में केवल दो गैंडे ही दिखेंगे. बाकी 10 को गैंडा प्रजनन केंद्र में रखा जायेगा.
सब कुछ योजना अनुसार हुआ तो इस वर्ष के अंत तक प्रजनन केंद्र का निर्माण पूरा हो जायेगा और इसी के साथ गैंडों को एक्जीबिटरी से हटा कर वहां शिफ्ट कर दिया जायेगा, जहां दर्शकों के आने जाने पर पाबंदी होगी.
3.67 करोड़ की लागत
पटना जू के गैंडा प्रजनन केंद्र का निर्माण के लिए टेंडरकी प्रक्रिया चल रही है. यह केंद्र लगभग तीन एकड़ में फैला होगा और इसके निर्माण पर 3.67 करोड़ की राशि खर्च होगी.
तनाव मुक्त रहेंगे गैंडा, मिलेगा प्रजनन को बढ़ावा
गैंडा को आम दर्शकों से दूर विशेष प्रजनन केंद्र में रखने की मूल वजह लोगों के बीच इसकी खुद को असहज महसूस करने की प्रवृति है. इससे धीरे धीरे गैंडा तनाव ग्रस्त हो जाता है. इसका उसकी स्वाभाविक गतिविधियों और कामेच्छा पर असर पड़ता है और प्रजनन दर घट जाती है. आम लोगों से दूर रखने पर गैंडे तनाव मुक्त रहेंगे और इससे उनके प्रजनन को बढ़ावा मिलेगा.
बिना प्रयास बेहतर प्रजनन दर देख लिया गया निर्णय
39 वर्ष पहले पटना जू में असम से केवल एक जोड़ा गैंडा कांक्षा और कांक्षी लाया गया था. उसके तीन वर्ष बाद बेतिया से राहत व बचाव के क्रम में पटना जू को राजू नामक एक नर गैंडा मिला. इन्हीं तीन गैंडों के ब्रीडिंग से आज पटना जू में 12 गैंडे हैं.
चार ब्लड लाइन के गैंडे पटना जू के पास
गैंडों की अदला बदली से पटना जू ने सेंट डियागो जू, कैलिफोर्नया, अमेरिका और दिल्ली जू के गैंडे भी यहां मंगाये हैं, जिसकी वजह से आज यहां गैंडो के चार ब्लड लाइन (असम, बेतिया, अमेरिका और दिल्ली) उपलब्ध हैं. पटना जू में गैंडा प्रजनन की आदर्श दशा है.
सेंट डियागो के बाद सबसे अधिक गैंडे पटना जू में
पटना जू में कैलिफोर्निया के सेंट डियागो जू के बाद विश्व में सबसे अधिक गैंडे हैं. यहां के 12 गैंडों में 10 व्यस्क और दो शावक है. व्यस्कों में पांच अयोध्या, गणेश, शक्तिराज, जंबो और विद्युत नर हैं, जबकि पांच हड़ताली, रानी, गौरी, लाली और एलेक्शन मादा है. शावकों में भी एक नर और एक मादा है, जिनका नामकरण नहीं हुआ है.
माइक्रोचिप टैग से पहचाने जायेंगे जू के जानवर
माइक्रोचिप टैग से जू के जानवर पहचाने जायेंगे. इसके लिए विशेष इंजेक्टर से जानवर के चमड़े के निचले हिस्से में माइक्रोचिप टैग किया जायेगा. चिप में जानवर की वंशावली और उसका पूरा विवरण अंकित होगा. इसमें जानवर का स्टड बुक नंबर भी अंकित होगा, जिसकी मदद से उसके ब्लड लाइन का और भी विस्तृत विवरण जाना जा सकेगा.
माइक्रोचिप में दर्ज सूचनाओं को एक माइक्रोचिप रीडर की मदद से बिना उसे शरीर से निकाले ही पढ़ा जा सकेगा.माइक्रोचिप टैग की मदद से जू के जानवरों के अदला-बदली मेंसुविधा होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें