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15 दिनों में स्कूली बच्चों को उपलब्ध हों पाठ्य-पुस्तकें, समय पर मिलना जरूरी
पटना : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को सरकार को निर्देश दिया है कि 15 दिन में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करावे. एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में बच्चों को समय पर […]
पटना : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को सरकार को निर्देश दिया है कि 15 दिन में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करावे. एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में बच्चों को समय पर पुस्तकें मिलनी चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि अगर इन्हें समय पर किताबें नहीं मिलेंगी, तो बच्चे कैसे पढ़ेंगे. एक माह बाद मामले पर सुनवाई की जायेगी.
मालूम हो कि सूबे के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बिहार राज्य टेक्स्ट बुक कमिटी द्वारा पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराया जाता है. पिछले शैक्षणिक सत्र में इन स्कूली बच्चों को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका. यही नहीं बगैर पाठ्य-पुस्तक के ही छात्र अगली कक्षा में प्रवेश कर गये. इसे लेकर दायर लोकहित याचिका पर हाईकोर्ट ने बिहार राज्य राज्य टेक्स्ट बुक कमिटी से जवाब-तलब किया था. अदालत ने मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वे पाठ्य पुस्तकें देने में होने बिलंब के लिए एक कमिटी गठित करें. यह कमिटी सभी समस्याओं की जांच कर रिपोर्ट पेश करे.
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