पटना: पटना पुलिस का दोहरा चेहरा मंगलवार को अशोक राजपथ पर देखने को मिला. सोमवार को जब छात्रों ने पुलिस की मौजूदगी में दिन भर उपद्रव किया और छात्रों की कॉपियां फाड़ दीं, तो पुलिस ने किसी भी छात्र को छुआ तक नहीं.
वहीं मंगलवार को प्रोफेसर पर हुए हमले के विरोध व सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जम कर लाठियां बरसायीं. लॉ कॉलेज से पटना विश्वविद्यालय जा रहे जुलूस पर एनआइटी मोड़ के पास छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इसमें बड़ी संख्या में छात्र घायल हो गये. वहीं छह को बुरी तरह चोटें आयी हैं.
दो छात्र गिरफ्तार
यही नहीं, प्रदर्शन कर रहे दो छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया. हालांकि उन्हें शाम में रिहा कर दिया गया. सोमवार की घटना के बाद सुबह से ही पटना विश्वविद्यालय पुलिस छावनी में तब्दील नजर आ रहा था. वहां पर वज्र वाहन और पुलिस की टुकड़ी तैनात थी. पुलिस को जानकारी थी कि छात्र पटना विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद उसे जानकारी मिली कि छात्र पटना लॉ कॉलेज से जुलूस निकाल रहे हैं. इसके बाद आधी पुलिस फोर्स एनआइटी मोड़ पहुंच गयी. इधर पटना लॉ कॉलेज में पहले छात्र एकत्रित हुए और प्रदर्शन किया. हालांकि यहां चल रही स्नातक की परीक्षाओं को छात्रों ने बाधित नहीं किया. इसके बाद छात्रों का जत्था डेढ़-दो सौ की संख्या में पटना विवि के लिए निकला.
वीसी को देना था ज्ञापन
छात्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए जा रहे थे और वे डीन प्रो कार्यानंद पासवान व साइंस कॉलेज के प्रो रणधीर कुमार पर जानलेवा हमले में कार्रवाई की मांग कर रहे थे. छात्र पुलिस प्रशासन व विवि प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे थे. जुलूस का नेतृत्व पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष आशीष सिन्हा, सचिव अनुप्रिया, उपाध्यक्ष अंशुमान, कोषाध्यक्ष अभिषेक गुप्ता, पटना कॉलेज के काउंसेलर विजय कुमार विनीत, छात्र नेता बबलू सम्राट, विद्यानंद विधाता, दीप नारायण, पंकज राय, धीरज सिंह यादव, मिथिलेश यादव आदि कर रहे थे. छात्रों का जत्था जब एनआइटी मोड़ पहुंचा, तो वहां पुलिस फोर्स पहले से उनका इंतजार कर रही थी. पुलिस ने उन्हें एनआइटी से आगे जाने से रोका, लेकिन छात्र कुलपति को ज्ञापन देने की बात कहते हुए आगे बढ़ने लगे.