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बिहार : पर्यटन निगम की गाड़ियों पर घूमते रहे, पर किराया देना भूल गये, 12 वर्षों से इन विभागों ने कर रखा है इतना बकाया
II सुबोध नंदन II पटना : जहां एक ओर राज्य के मुखिया नीतीश कुमार पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम का मुख्यमंत्री कार्यालय सहित कई विभागों पर से पांच करोड़ 37 लाख 66 हजार 748 रुपये से अधिक बकाया है. यह बकाया उन गाड़ियों […]
II सुबोध नंदन II
पटना : जहां एक ओर राज्य के मुखिया नीतीश कुमार पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम का मुख्यमंत्री कार्यालय सहित कई विभागों पर से पांच करोड़ 37 लाख 66 हजार 748 रुपये से अधिक बकाया है. यह बकाया उन गाड़ियों का किराया है, जो पर्यटन निगम विभिन्न विभागों व आयोगों और जिले के अधिकारियों को मुहैया करता है.
इससे पर्यटन निगम की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. इससे निगम की कई अहम योजनाओं का काम शुरू नहीं हो पा रहा है और न ही नयी गाड़ियों की खरीदारी हो पा रही है. ऐसे में राज्य के पर्यटन उद्योग का विकास कैसे होगा? यह अहम सवाल है.
मिली जानकारी के अनुसार यह बकाया पर्यटन निगम के परिवहन विभाग का है, जो आयोगों और जिला अधिकारियों को गाड़ी मुहैया कराता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बकाया राज्य के 151 विभाग, आयोग और जिला अधिकारियों पर पिछले 12 साल से है. पर्यटन निगम अपनी बकाया राशि के भुगतान के लिए कई बार अनुरोध कर चुका है, लेकिन उसका कुछ खास असर नहीं होता है. कुछ रकम देकर विभाग फिर भूल जाते हैं.
12 घंटे मुहैया करायी जाती हैं गाड़ियां
विभागों व आयोगों को पर्यटन निगम की आेर से प्रतिदिन 12 घंटे के लिए गाड़ियां मुहैया करायी जाती हैं, जिसका किराया लगभग तीन हजार रुपये से अधिक होता है. पर्यटन निगम की ओर से हर दिन लगभग 20 गाड़ियां विभागों के अधिकारियों व आयोगों के सदस्यों को भेजी जाती हैं. इनमें इनोवा, इंडिगो, स्काॅर्पियो, इटीयस और फोर फिएस्टा गाड़ियां शामिल हैं.
नहीं हो रही नयी गाड़ियों की खरीदारी
मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल पर्यटन निगम के निदेशक मंडल की बैठक में पांच गाड़ियों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पर्यटन निगम गाड़ियां खरीद नहीं सका है. नियमित पैसा नहीं मिलने के कारण गाड़ियों के रखरखाव में परेशानी होती है. पर्यटन निगम के पास अभी कुल 24 गाड़ियां हैं. इनमें 14 इनोवा, चार इंडिगो, तीन स्काॅर्पियो, दो इटियस और एक फोर फिएस्टा है.
सीएमओ सहित कई विभागों व आयोगों पर पर्यटन निगम का पांच करोड़ से अधिक का बकाया
निगम ने कई बार अनुरोध किया पर नहीं हुआ असर, 12 वर्षों से राशि बकाया
विभाग बकाया
मुख्यमंत्री कार्यालय 2,04,938
कैबिनेट 98,60,518
पर्यटन 30,86,219
सामान्य प्रशासन 14,36,848
विभाग बकाया
उद्योग 5,75,160
श्रम संसाधन 6,22,502
सूचना जनसंपर्क 5,75,797
पशुपालन 1,56,459
विभाग बकाया
वन 3,11,109
योजना एवं विकास 4,67,597
लघु जल संसाधन 1,12,801
खान एवं भूतत्व 2,60,786
गृह 2,55,246
परिवहन 2,80,151
नगर विकास एवं आवास 23,40,636
स्वास्थ्य 3,25,981
मानव संसाधन 5,84,511
पीएचइडी 4,59,293
मुख्य अभियंता
(बीएसटीसी मुख्यालय) 89,56,470
राज्य खाद्य आयोग 10,71,916
उच्च जाति आयोग 28,96,547
अल्पसंख्यक कल्याण आयोग 5,59,640
आपदा प्रबंधन 2,85,428
बिहार राज्य अधिकार आयोग 5,46,889
पिछड़ा राज्य आयोग 2,30,066
बिहार राज्य नागरिक परिषद 37,73,560
बिहार राज्य एसटी आयोग 13,29,891
राज्य एसटी आयोग 7,01,698
कर्मचारी चयन आयोग 2,58,027
बिहार संगीत नाटक अकादमी 1,06,285
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन 16,27,072
बिहार मानवाधिकार 7,68,394
बिहार स्टेट प्लानिंग बोर्ड 4,81,375
राज्य सूचना आयोग 1,73,220
राज्य किसान अायोग 3,32,568
बिहार राज्य एड्स कंट्रोल 3,26,291
बिहार न्यायिक अकादमी 2,35,473
एनसीसी, पटना 3,23,169
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम 7,13,346
राज्य निर्वाचन आयोग 2,47458
डीएम भागलपुर 8,11,832
डीएम पटना 4,90,927
डीएम सीतामढ़ी 1,85,351
डीएम बांका 1,98,220
एक माह में भुगतान का प्रावधान
जिस विभाग में गाड़ियां भेजी जाती हैं, उनका सबसे पहले चालान काटा जाता है. इसके बाद बिल जेनरेट किया जाता है. फिर उस बिल को एक सप्ताह में संबंधित विभाग या आयाेग के प्रमुख के पास भेज दिया जाता है. इसके बाद एक माह के अंदर निगम को भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है.
लिखा गया है पत्र
बकाये के भुगतान के लिए संबंधित विभागों व आयोगों को अनुरोध पत्र लिखा गया है. इसकाे लेकर कार्य प्रगति पर है. मैं खुद मॉनीटरिंग कर रही हूंं, ताकि जल्द-से-जल्द राशि निगम के पास आ सके.
इनायत खान, प्रबंधक निदेशक, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम
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