पटना : राजधानी पटना में होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया है कि इस बैठक में देशभर के सभी विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति के साथ लोकसभा अध्यक्ष शामिल होंगे. विजय चौधरी ने इसे बिहार के लिए गौरव का क्षण बताया. उनके मुताबिक, यह बिहार वासियों के लिए गौरव की बात है कि यह बैठक पटना में होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक पटना में हो रहे राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में लंदन, कैमरून, टोंगा, पेसिफिक व आस्ट्रेलिया रीजन के प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी होगी. भारत के लोकसभा, राज्यसभा, राज्यों की विधानसभा व विधान परिषदों के प्रधान तो रहेंगे ही. सम्मेलन पटना में 16 से 19 फरवरी तक चलेगा. ज्ञान भवन में उद्घाटन सत्र होगा.
विजय कुमार चौधरी ने हाल में सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की है. बैठक में गया, बोधगया, नालंदा, राजगीर में भी समुचित व्यवस्था की गयी है. सम्मेलन के बाद इसमें शामिल लोग, इन स्थलों पर भ्रमण को जाएंगे. 16 से 19 फरवरी तक होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के छठे सम्मेलन में छह विदेशी प्रतिनिधियों के साथ करीब 39 लोगों ने आने पर सहमति जतायी है. पटना जिला प्रशासन अतिथियों के भव्य स्वागत की तैयारी में जुटा है. प्रत्येक अतिथि के साथ एक लाइजनिंग और एक पुलिस अफसर की तैनाती की जायेगी. पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर लगातार तैयारियों पर नजर बनाये हुए हैं. सदस्यों को ठहरने के लिए उचित व्यवस्था की गयी है. सभी प्रतिनिधि क्रमशः होटल मौर्य, पनाश और होटल लेमन ट्री में ठहरेंगे. प्रतिनिधियों के लिए विशेष नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया गया है.
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुधवार से ही प्रतिनिधि पटना पहुंचने लगे हैं. इसका आधिकारिक कार्यक्रम 16 फरवरी से आरंभ होगा. तीन दिनों तक चलने वाले सम्मेलन में विश्व भर में फैले आठ अन्य प्रक्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. सीपीए के कुल 52 देश सदस्य हैं. इसकी कुल 180 विधायी निकाय है. उन्होंने बताया कि पटना में आयोजित होनेवाले सम्मेलन के लिए दो विषय निर्धारित किये गये हैं. पहला विषय विकास के कार्यक्रम पर है. इसमें विकास के एजेंडे और सतत विकास पर चर्चा होगी. दूसरा विषय लोकतंत्र में विधायिका-न्यायपालिका के संबंध पर आधारित होगा. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 17 गोल को लेकर 15 साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें विधायिका व जनप्रतिनिधियों की विकास को इस दिशा में ले जाने की भूमिका होगी.
पटना में आयोजित कार्यक्रम को लेकर प्रतिनिधियों में उत्साह है. सम्मेलन में यह जानने का अवसर मिलेगा कि किस विधायी निकाय में किस तरह का प्रचलन है. इसे जनप्रतिनिधियों को जानने व समझने का मौका मिलेगा.पहलीबार बिहार के बारे में देश या विदेशों में रहनेवाले सुनकर या पढ़कर अवगत होंगे. यह पहली बार होगा जब वे बिहार आकर अपना पहला अनुभव करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक पहले विषय पर मुरली मनोहर जोशी का व्याख्यान होगा, जबकि दूसरे विषय पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद व्याख्यान देंगे. पहले विषय का विषय प्रवेश उत्तरप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, जबकि दूसरे विषय का विषय प्रवेश बिहार विधानसभा के अध्यक्ष करायेंगे.
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जबकि समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल सत्यपाल मलिक होंगे. सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रमुख हस्तियों में सीपीए एग्जिक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष इमिलिया मनजोवा लिफाका, सीपीए लंदन के महासचिव अकबर खान, अफ्रीका रिजन से यूगांडा के वायस ट्रेजरर एलिजा ओकुपा, आॅस्ट्रेलिया रिजन से उत्तर आॅस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि रॉबिन लैंबले, टोंगा नेशनल एसेंबली के प्रतिनिधि लॉर्ड फाकाफानुआ और टोंगा के नेशनल एसेंबली के सचिव ग्लोरिया गुटेनबर्ग शामिल हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि बिहार में इसके पहले 1982 में अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी थी. जबकि, सीपीए में राष्ट्रमंडल के सदस्य देश के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
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