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बिहार : अष्टधातु की मूर्ति को लेकर हुई थी हत्या

मसौढ़ी : बीते दिनों पालीगंज थाना के जलपुरा गांव के शिव विनोद शर्मा की पत्नी जयंती देवी की हत्या अष्टधातु की मूर्ति को लेकर अंतरर्राष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह के सरगना ने एक नक्सली हार्डकोर व तीन अन्य के साथ मिल कर की थी. घटना को अंजाम देने के बाद शव को नूरा गांव के पास […]

मसौढ़ी : बीते दिनों पालीगंज थाना के जलपुरा गांव के शिव विनोद शर्मा की पत्नी जयंती देवी की हत्या अष्टधातु की मूर्ति को लेकर अंतरर्राष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह के सरगना ने एक नक्सली हार्डकोर व तीन अन्य के साथ मिल कर की थी. घटना को अंजाम देने के बाद शव को नूरा गांव के पास खेत में फेंक दिया था. बाद में शव की पहचान होने के बाद एसएसपी के निर्देश पर गठित पुलिस टीम द्वारा किये गये अनुसंधान के बाद इस घटना में शामिल हार्डकोर नक्सली सह मृतका के गांव के ही राजू राम उर्फ जीरा समेत तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद इस घटना का खुलासा हुआ. हालांकि, फिलहाल दो आरोपित फरार बताए जाते हैं.
गौरतलब है कि बीते 27 जनवरी को स्थानीय पुलिस ने थाना के नूरा गांव स्थित एक खेत से एक महिला का शव बरामद किया था. बाद में उसकी पहचान पालीगंज थाना के जलपुरा गांव के शिव विनोद शर्मा की पत्नी जयंती देवी के रूप में हुई थी. इधर, शव की पहचान होने के बाद एसएसपी ने मसौढ़ी के एसडीपीओ व थानाध्यक्ष को इस घटना की पूरी जांच के लिए पुलिस टीम का गठन करने का निर्देश दिया था.
गठित टीम द्वारा तकनीकि व वैज्ञानिक रूप से की गयी जांच में यह पता चला कि मृतका का अपने ही गांव के एमसीसी के पूर्व एक हार्डकोर राजू राम के साथ अवैध संबंध था. पुलिस टीम ने फरार राजू राम को मसौढ़ी-पालीगंज मार्ग से बीते मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में राजू ने इस घटना में अपनी संलिप्ताता स्वीकार करते हुए इसमें शामिल अन्य अभियुक्तों के भी नाम का खुलासा किया. इनमें अंतरर्राष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह सरगना नसीम मियां, दीपलाल पासवान, पटना के खिरीमुडी थाना के पशुरामपुर निवासी नारायण मिस्त्री व जहानाबाद के कडौना ओपी के सलेमपुर ग्रामवासी अजीत पासवान शामिल हैं.
पुलिस ने राजू की निशानदेही पर नारायण मिस्त्री व अजित पासवान को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही शव फेंकने में उपयोग किया टेंपों को भी पुलिस ने बरामद कर लिया.
अष्टधातु की मूर्ति देने से मना करने के कारण की गयी थी हत्या
पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार नारायण मिस्‍त्री व अजीत पासवान से की गयी पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जयंती देवी की हत्‍या तय सौदे से कम राशि देने पर मूर्ति बेचने से मना करने के कारण की गयी थी. इस बाबत पुलिस ने बताया कि राजू राम का संपर्क अंतरर्राष्ट्रीय मूर्ति तस्‍कर नसीम मियां से था. जयंती देवी के पास अष्‍टधातु की एक मूर्ति थी.
नसीम मियां उस मूर्ति को दूसरे राज्य में बेचने के लिए खरीदना चाहता था. इसके लिए राजू राम के माध्‍यम से 25 लाख में सौदा हुआ था. तय सौदे की राशि देने के लिए जयंती देवी को एक जगह बीते 26 जनवरी को बुलाया गया और उसे तत्‍काल दो लाख रुपये व शेष राशि बाद में देने की बात कह नसीम मियां ने उससे मूर्ति दे देने को कहा, लेकिन जयंती देवी ने उसी वक्‍त पूरी राशि लिए बिना मूर्ति बेचने से मना कर दिया. सौदा नहीं पटता देख सभी आरोपितों ने गला दबा कर जयंती देवी की हत्‍या कर दी. इसके बाद शव को एक टेंपो से लाकर नूरा के बधार में फेंक दिया.
गिरफ्तार हार्डकोर राजू के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
पुलिस ने बताया कि राजू राम पूर्व में प्रतिबंधित संगठन एमसीसी का सदस्‍य था और वह कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. वह शास्‍त्री नगर थाना में दर्ज एक मामले में पूर्व में जेल भी जा चुका है.

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