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मार्च से प्राइवेट स्कूल बसों का रहेगा कोड
पटना : बिहार के प्राइवेट स्कूलों पर मार्च से सख्ती बढ़ेगी. स्कूल में चलनेवाली बसों के लिए विभागीय स्तर पर योजना बनायी गयी है, जिसके बाद घर से स्कूल तक बच्चों की सुरक्षा बस चालकों की होगी और इसके लिए सभी बसों व ड्राइवरों के फिटनेस की जांच होगी. चालक का ड्राइविंग लाइसेंस के साथ […]
पटना : बिहार के प्राइवेट स्कूलों पर मार्च से सख्ती बढ़ेगी. स्कूल में चलनेवाली बसों के लिए विभागीय स्तर पर योजना बनायी गयी है, जिसके बाद घर से स्कूल तक बच्चों की सुरक्षा बस चालकों की होगी और इसके लिए सभी बसों व ड्राइवरों के फिटनेस की जांच होगी. चालक का ड्राइविंग लाइसेंस के साथ उनके स्वास्थ्य संबंधी भी जानकारी बस संचालकों व स्कूल प्रबंधकों के पास रहेंगे. साथ ही स्कूल बसों का एक कोड भी रहेगा, जो कि स्कूल के माध्यम से परिवहन कार्यालय व पुलिस के पास रहेगा, जिसके माध्यम से सड़क पर बस की पहचान तुरंत स्कूल के नाम से हो जायेगी.
स्वीकृति के ही चलेंगी स्कूल में बसें
स्कूल में चलनेवाली बसों की स्वीकृति स्कूल के संचालक से लेना अनिवार्य होगा. विभाग स्तर पर बननेवाली नयी पॉलिसी के माध्यम से ऐसे स्कूलों पर भी नजर रखी जायेगी जो यह कहते हैं कि हमारा स्कूल बस की व्यवस्था नहीं करता है, लेकिन दूसरी ओर प्राइवेट रूप में हायर किये गये बस चलाते हैं. स्वीकृति पत्र के बाद बच्चों की सुरक्षा को स्कूल व गाड़ी के संचालक दोनों संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे.
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बसों पर सख्ती होगी. बस में जितनी सुविधाएं व आपातकाल में रहनेवाले उपकरण मानक के मुताबिक अनिवार्य होते हैं उनकी नियमित जांच होगी. स्कूल बस और स्कूल के प्रबंधन से बसों का ब्योरा लिया जायेगा.
संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव
प्रत्येक तीन माह पर जांच
स्कूलों में चलनेवाली सभी बसों के फिटनेस जांच प्रत्येक तीनमाह शिविर लगाकर किया जायेगा, ताकि बस की कंडीशन को बेहतर किया जा सके. शिविर में एमवीआई के अलावे जिला प्रशासन के अधिकारी भी रहेंगे और सुरक्षा मानकों की जांच भी साथ में की जायेगी. इसके अलावा स्कूलों में चल रही मिनी बस, ऑटो व वैन के फिटनेस को भी देखा जायेगा.
ऐसे रहेंगे स्कूल
-सभी स्कूल बस पीले रंग के होंगे
-बस पर स्कूल का नाम व कोड रहेगा
-बस के बाहरी व भीतरी हिस्सों में बसचालक व खलासी का नाम और मोबाइल नंबर रहेगा
-गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट व ड्राइवर के नेत्र जांच का सर्टिफिकेट का रहना अनिवार्य होगा
-बस में ओवरलोड नहीं होगी और बच्चों के लिए पानी व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रहेगी.
-बस में अग्निशमन की पूरी व्यवस्था के साथ बस की आपातकालीन दरवाजा खुली रहेगी.
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