नयी दिल्ली : बिहार के गया के रहनेवाले शेख अली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हार्वर्ड जाने का मौका मिलेगा. पढ़ने में मेधावी शेख अली के परिवार को जरूर यकीन था कि उनका बेटा एक दिन देश का नाम रौशन करेगा. 10वीं और 12वीं कक्षा में 93 फीसदी अंक हासिल करने के बाद अली ने अपने सपने को उड़ान देने के लिए बिहार से बाहर का रुख किया.
पढ़ाई के प्रति लगन और कुछ करने की चाहत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से सर्टिफिकेशन का कोर्स किया और फिर बजाज कैपिटल में इंटर्नशिप किया. साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया में बीकॉम ऑनर्स में दाखिला ले लिया. मौजूदा समय में वे अंतिम वर्ष के छात्र हैं. जामिया में वे पढ़ाई के साथ डिबेट और अन्य गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहते हैं. लेकिन, अली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जामिया में दाखिले के तीन साल के अंदर ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर हार्वर्ड कांफ्रेस में भाग लेने का मौका मिल जायेगा.
हालांकि, इस सम्मेलन में भाग लेना शेख अली के लिए बड़ी चुनौती है. वहां जाने और रहने-खाने पर लगभग दो लाख रुपये का खर्च आयेगा और इसे जुटाना परिवार के लिए बड़ी चुनौती है.वहीं, अली के दोस्त फंड जुटाने के काम में लग गये हैं और उनका कहना है कि वे इस मौके को किसी भी कीमत पर हाथ से नहीं जाने देंगे.