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लूट के पैसे के लिए हुई थी हत्या
पकड़े गये अपराधी रंजन व विकास के दोस्त हैं पटना/फलवारीशरीफ : फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र के नवादा गांव में 21 जनवरी को हुए रंजन कुमार व विकास कुमार की हत्या का पटना पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया. हत्या में शामिल गिरोह के चार अपराधी सुभाष पासवान (यारपुर), दीपू राय (नवादा, फुलवारी), […]
पकड़े गये अपराधी रंजन व विकास के दोस्त हैं
पटना/फलवारीशरीफ : फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र के नवादा गांव में 21 जनवरी को हुए रंजन कुमार व विकास कुमार की हत्या का पटना पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया. हत्या में शामिल गिरोह के चार अपराधी सुभाष पासवान (यारपुर), दीपू राय (नवादा, फुलवारी), संतोष कुमार (यारपुर, गर्दनीबाग) व दीपक कुमार (शिवाजी नगर, गर्दनीबाग) को पकड़ लिया गया है.
इनके पास से लूटी गयी अपाची बाइक, दो पिस्टल, हत्या में प्रयुक्त रॉड व 18 हजार नकद बरामद किया गया है. पकड़े गये सभी अपराधी रंजन व विकास के दोस्त हैं और साथ में रह कर कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. दोनों की हत्या के बाद पुलिस हत्यारों की सुराग तलाशते हुए हत्यारों तक पहुंची. हत्यारों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. हत्या का कारण लूट की राशि में बंटवारा था जिसे रंजन व विकास के साथ चारों अपराधियों ने मिल कर अंजाम दिया था.
दीपू राय व उसके साथियों ने मिल कर बर्थ-डे पार्टी देने के नाम पर रंजन व विकास को फुलवारी स्थित नवादा गांव में बुलाया था. वहां खाना व शराब पिलाने के बाद रॉड से सिर पर प्रहार कर दोनों को मार दिया गया था और फिर उन दोनों के शव को नवादा गांव के समीप ही गड्ढा खोद कर दफना दिया था. हालांकि इस दौरान कुछ लोगों की नजर पड़ गयी.
मामले की सूचना पुलिस तक पहुंच गयी. जांच के दौरान रंजन कुमार के पास मिले कार्ड के आधार पर उसकी पहचान हुई. इस घटना के बाद एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर फुलवारी डीएसपी रामाकांत प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विकास व रंजन का मोबाइल फोन का सीडीआर निकाला और फिर उसमें आये नंबरों के आधार पर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. उन चारों ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली. इन चारों की रंजन व विकास से 6 बजे शाम से लेकर दस बजे रात मोबाइल पर लगातार बात होती रही.
पैसे को लेकर थे गुस्से में
रंजन व विकास के साथ चारों आरोपितों ने कुछ दिनों पहले कोतवाली थाने के जीपीओ गोलंबर के पास से एक व्यवसायी से तीन लाख 50 हजार रुपये लूटे थे. इसी बीच यह हल्ला हो गया था कि व्यवसायी से दस लाख रुपये लूटे गये हैं. रंजन व विकास ने तीन लाख 50 हजार ही होने की जानकारी देते हुए सभी को हिस्सा बांट दिया, लेकिन इन सभी को यह बात खटक रही थी कि दस लाख रुपये लूटे गये हैं और रंजन व विकास ने मात्र साढ़े तीन लाख में ही हिस्सा देकर बाकी पैसा दबा लिया है. इसके बाद दोनों को शनिवार को बर्थ-डे पार्टी के नाम पर बुलाया गया और खिलाने-पिलाने के बाद हत्या कर दी.
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