पटना : राज्य के नये बजट को अंतिम आकार देने की तैयारी वित्त विभाग में पूरजोर तरीके से चल रही है. इस बार राज्य का योजना आकार या कैपिटल एक्सपेंडेचर काफी हद तक केंद्र से मिलने वाली राशि पर निर्भर करेगा. राज्य को इस बार केंद्र से अतिरिक्त पैसे मिलने के साथ-साथ पीछे के बकाया […]
पटना : राज्य के नये बजट को अंतिम आकार देने की तैयारी वित्त विभाग में पूरजोर तरीके से चल रही है. इस बार राज्य का योजना आकार या कैपिटल एक्सपेंडेचर काफी हद तक केंद्र से मिलने वाली राशि पर निर्भर करेगा. राज्य को इस बार केंद्र से अतिरिक्त पैसे मिलने के साथ-साथ पीछे के बकाया राशि के भुगतान की भी काफी उम्मीद रहेगी.
ताकि योजना आकार को अधिक से अधिक सक्षम बनाया जा सके. नये वित्तीय वर्ष का योजना आकार करीब 80 हजार करोड़ का होगा. इसमें 12 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की पूरी कोशिश रहेगी. राज्य सरकार यह चाहती है कि इसे बढ़ाकर 90 से 95 हजार करोड़ तक किया जाये, जिसके लिए केंद्रीय मदद की दरकार ज्यादा होगी.
राज्य यह चाहत है कि केंद्र से बीआरजीएफ, बाढ़ राहत पैकेज समेत ऐसे अन्य मद में बकाया राशि के अलावा केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के अंतर्गत मिलने वाले तमाम अनुदान और ग्रांट के रुपये मिल जाये. राज्य की उम्मीद केंद्र से अतिरिक्त पैकेज मिलने की भी है.
चलने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाएं और मिलने
वाले सभी ग्रांट की राशि पर रहेगी खास नजर
बाढ़ राहत पैकेज समेत अन्य महत्वपूर्ण अवयवों पर खासतौर से केंद्रीय मदद की दरकार
यह पूरी कोशिश रहेगी कि राज्य के लिए अतिरिक्त पैकेज मिले या बची हुई सभी राशि की मांग की जाये
बकाया राशि मिलने की उम्मीद
बीआरजीएफ (बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड) योजना इस वर्ष से बंद हो गयी है. लेकिन अब भी राज्य का पिछले दो-तीन वर्षों का करीब चार हजार करोड़ रुपये का बकाया है. इसके अलावा इस बार राज्य ने बाढ़ राहत पैकेज के तहत करीब सात हजार 600 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकड़ा पेश किया है, जिसमें महज 500 करोड़ रुपये ही आये हैं.
अगर केंद्र सरकार ये दोनों बकाये रुपये की पूरी राशि जारी कर देती है, तो राज्य के योजना आकार को बढ़ाने में बड़ी मदद मिल जायेगी. इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष में करीब 57 सीएसएस में 31 हजार 500 करोड़ रुपये के आने का लक्ष्य है लेकिन अब तक महज 13 हजार करोड़ के आसपास ही आये हैं. ऐसे में अगर सीएसएस मद में भी सभी रुपये मिल जाते हैं, तो राज्य को अपने योजना आकार के स्वरूप को सशक्त करने में बड़ी सहायता मिलेगी. राज्य को इस बार केंद्र से बकाये रुपये मिलने की बड़ी उम्मीद है.
आने की रफ्तार सही
हालांकि राज्य को केंद्रीय पुल से मिलने वाले टैक्स शेयर में आने वाली राशि की स्थिति अच्छी है. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 65 हजार 326 करोड़ रुपये के आने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें अब तक करीब 42 हजार करोड़ रुपये आ चुके हैं. शेष रुपये के मार्च अंत तक आना तय माना जा रहा है. इसके अलावा राज्य को इस बार जीएसटी के अंतर्गत साढ़े तीन हजार करोड़ का अनुदान भी मिलेगा. परंतु सिर्फ इन दोनों और राज्य के आंतरिक स्रोत से टैक्स कलेक्शन को मिलाकर योजना आकार को 90 करोड़ से ज्यादा तक पहुंचाना संभव नहीं होगा.