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राजधानी में सड़क जाम ने बढ़ाया पॉल्यूशन, सांस के रोगियों की बढ़ रही है तादाद
पटना : जाम के झाम में फंसे शहर को न सिर्फ ट्रैफिक की दुश्वारियां सहनी पड़ रही हैं, बल्कि इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इस कारण रिस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर यानी आरएसपीएम गड़बड़ हो कर अपने मानक स्तर से बढ़ कर दोगुने लेवल पर पहुंच चुका है. इससे लोग सांस से जुड़ी कई […]
पटना : जाम के झाम में फंसे शहर को न सिर्फ ट्रैफिक की दुश्वारियां सहनी पड़ रही हैं, बल्कि इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इस कारण रिस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर यानी आरएसपीएम गड़बड़ हो कर अपने मानक स्तर से बढ़ कर दोगुने लेवल पर पहुंच चुका है.
इससे लोग सांस से जुड़ी कई खतरनाक बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. यदि समय रहते इस पर कंट्रोल नहीं पाया गया तो स्थिति विकट हो सकती है. अनुमान के मुताबिक तकरीबन 5 लाख से ज्यादा वाहन शहर में हर रोज दौड़ते हैं. शहर की लगभग सभी सड़कों पर ट्रैफिक की रफ्तार धीमी पड़ी रहती है.
पांच वर्षों में दोगुना हुआ प्रदूषण का लेवल : वाहनों की बढ़ती संख्या, सड़क जाम की देन है कि आरएसपीएम का लेवल पिछले महज पांच वर्षों में दोगुना बढ़ चुका है. पर्यावरणविद इस आंकड़े को हेल्थ के लिए बेहद घातक बता रहे हैं.
पटना में वायु प्रदूषण एक भयावह समस्या बन गया है और दिसंबर महीने में ही वायु गुणवत्ता की दशा को बेहद गंभीर और पूरे देश में सबसे बदतर और खतरनाक पाया गया है. इस महीने की पहली तारीख को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बेहद ऊंचे स्तर 421 तक पहुंच गया, वहीं दिसंबर में 17 तारीख को 369 और 18 दिसंबर को 407 रहा था. प्रदूषण की वजह गाड़ियों के धुएं और सड़कों की उड़ती हुई धूल है.
वाहन के लिए आजमाएं यह टिप्स :
– ग्रीन सिग्नल होने तक गाड़ी बंद रखें
– स्टार्ट करते ही तुरंत गियर न लगाएं
– नियमित गाड़ी की सर्विसिंग कराएं
– ज्यादा जरूरत हो ,तो ही यूज करें.
– कम दूरियों को पैदल अथवा साइकिल से तय करें.
धुएं से बचने के लिए यह करें –
– मास्क का यूज करना चाहिए.
– आस-पास साफ सफाई रखें.
– हेलमेट का प्रयोग जरूर करें.
– फुल कवर्ड होकर बाहर निकलें.
धुएं का स्टैंडर्ड मानक
– सीएनजी वाहन : 0.1 से 0.20 तक
– पेट्रोल वाहन टू व्हीलर : 3 परसेंट.
– फोर व्हीलर : 4.5 परसेंट.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
साल दर साल एयर पॉल्यूशन में इजाफा हो रहा है जो गंभीर समस्या है. पर्यावरण के प्रति लोगों को अवेयर होने की जरूरत है. पर्षद द्वारा इस संबंध में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है.
आलोक कुमार, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद
गाड़ियों से निकलने वाला कार्बन मोनो ऑक्साइड लोगों को बीमार बना रहा है. सब जान कर भी लोग अनजान बने हैं. स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए व्हीकल्स का प्रयोग कम करना अनिवार्य है.
डाॅ मनोज कुमार सिन्हा, फिजिशियन
पटना : पुनाईचक से समनपुरा होते हुए रूकनपुर पथ, बेली रोड से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन के कुल 1.85 किमी की पथांस (सर्विस पथ के दोनों ओर की सड़क ) लंबाई में सड़क को 150 करोड़ की लागत से बनेगा. बेली रोड के एक किमी में रूपसपुर फ्लाई ओवर से एवं सर्विस पथ के दोनों तरफ कुल 340 मी पथांस को चाैड़ा किया जायेगा. दानापुर खगौल पथ के रेडिएंट स्कूल से उसी चौक तक पथ के 4.10 किमी रास्ते को बनाया जायेगा. ये बातें मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने कहीं.
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