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बिहार : स्वास्थ्य विभाग ने सूबे में ई-सिगरेट को किया प्रतिबंधित

पटना : स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूत करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सहित सभी प्रकार के निकोटिन युक्त उत्पाद को प्रतिबंधित कर दिया है. राज्य के औषधि नियंत्रक ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की आॅनलाइन खरीद-बिक्री सहित इसके विज्ञापन निर्माण, भंडारण और वितरण इत्यादि पर पूर्ण नियंत्रण का निर्देश जारी किया है. इसका उल्लघंन करने […]

पटना : स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूत करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सहित सभी प्रकार के निकोटिन युक्त उत्पाद को प्रतिबंधित कर दिया है. राज्य के औषधि नियंत्रक ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की आॅनलाइन खरीद-बिक्री सहित इसके विज्ञापन निर्माण, भंडारण और वितरण इत्यादि पर पूर्ण नियंत्रण का निर्देश जारी किया है. इसका उल्लघंन करने पर कानूनी कार्रवाई होगी.
स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूती देते हुए राज्य में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट व अन्य प्रकार के निकोटिन युक्त उत्पाद जो ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के द्वारा अनुमोदित नहीं है उन सभी उत्पादों को प्रतिबंधित कर दिया है.
राज्य औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार सिन्हा ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. सभी औषधि निरीक्षकों को दिये निर्देश में कहा गया है कि बिहार राज्य में इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम के माध्यम से निकोटिन युक्त उत्पाद का दुरूपयोग किया जा रहा है. इसलिए इसकी खरीद-बिक्री सहित विज्ञापन, विक्री हेतु प्रदर्शन व निर्माण भंडारण, वितरण पर पूर्ण नियंत्रण करना है.
मालूम हो कि प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की छठी बैठक में ही इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था.
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में राज्य सरकार की सहयोगी तकनीकी संस्था सोशियो इकोनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा के मुताबिक किशोरों में ई सिगरेट की लत
लगातार बढती जा रही है. जिन किशोरों ने कभी सिगरेट का एक भी कश नहीं लिया था वो भी अब ई सिगरेट का प्रयोग करते हैं. देश में निकोटीन के प्रभाव
से होनेवाले कैंसर से मारे जानेवाले लोगो की संख्या 10 लाख प्रतिवर्ष से
भी अधिक है और आनेवाले सालों में अगर तंबाकू उत्पादों पर रोक नहीं लगी, तो यह संख्या दुगुनी हो जाने की संभावना है
क्या है ई सिगरेट
यह पारंपरिक सिगरेट की तरह ही एक सिगरेट होती है जो एक छोटी बैट्री से चलती है जो इसके अंदर ही लगी होती है. यह पेन के जैसा दिखनेवाला यंत्र है. इसमें एक लिक्वड भरा जाता है जो कि अलग अलग निकोटीन की मात्रा के हिसाब से मिलता है. जानकारों के नुसार ई सिगरेट पारंपरिक सिगरेट के मुकाबले ज्यादा नुकसान वाली होती है.
इसमें लिक्वड जो भरा होता है वह हीटींग इलिमेंट से गर्म होकर भाप में बदलता है. इसमें मौजूद लिक्वड में निकोटीन, ग्लायकोल, ग्लेसरीन जैसे रसायन होते है. फ्लेवर के लिए प्लेवर वाला रसायन डाला जाता है. कश लेने से भाप निकलती है जिसमे निकोटीन मिला होता है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को पीना वैपिंग भी कहा जाता है.

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