अधिक शराब मिलने वाले जिले भी रडार पर
पटना : राज्य में सभी तरह संज्ञेय अपराध और शराब तस्करी से जुड़े मामलों की समीक्षा थानावार और जिलावार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस दौरान 17 वैसे जिले सामने आये, जिनमें कुल अपराध का 60 फीसदी अपराध हुए हैं. इन जिलों में पिछले वर्ष आपराधिक घटनाओं में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसमें शराब तस्करी से जुड़े मामले भी शामिल हैं. ये सभी जिले पुलिस मुख्यालय की रडार पर हैं. इन जिलों के एसपी को जल्द ही मुख्यालय बुलाकर उच्च अधिकारी सीधे बात करके अपराध कंट्रोल नहीं होने के कारणों को जानेंगे.
इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरने या इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं आने की स्थिति में उन पर कार्रवाई भी हो सकती है. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि शराब की तस्करी पर नकेल कसने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. इसी का परिणाम है कि पिछले 10 दिनों में बिहार के सभी जिलों से 10 हजार 769 लीटर देशी और 25 हजार 114 लीटर विदेशी शराब जब्त किये गये हैं. मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गया, नवादा समेत अन्य जिलों में शराब की बरामदगी हुई है.
आईजी के स्तर से किया जायेगा तलब
इन जिलों के एसपी को भी आइजी (मद्य निषेध) के स्तर से तलब किया जायेगा और शराब की तस्करी के कारणों को पूछा जायेगा. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में शराब बरामद होने का मतलब कार्रवाई में तेजी और पुलिस के स्तर पर मुस्तैदी की बात सामने आती है. बिहार में जब्त हुए शराब में सबसे ज्यादा हरियाणा और पंजाब से आते हैं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, नॉर्थ इस्ट राज्यों से आने वाली भी शराब की बड़ी खेप जब्त की गयी है. उत्तर-पूर्वी राज्यों और पश्चिम बंगाल से चरस, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के भी काफी मामले सामने आये हैं.
मुख्यमंत्री ने भी अपनी समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया था कि शराब के सप्लायर, रिसीवर और डिस्ट्रीब्यूटर तीनों स्तर के नेटवर्क को ध्वस्त करने पर फोकस करने की जरूरत है. शराब तस्करी पर नकेल कसने के लिए आइजी (मद्य निषेध) को भी अलग से तैनात कर दिया गया है. इनके स्तर पर खासतौर से अभियान चलाया जायेगा.