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जियो टैग में BIHAR ने देश के आंकड़ों को पीछे छोड़ा…जानें क्‍या है जियो टैगिंग

प्रदेश में मनरेगा के लिए फेज टू के पहले स्टेज में 17161 काम हुए शुरू पटना : मनरेगा के कामकाज की जियो टैगिंग के मामले में बिहार ने पूरे देश के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है. नयी व्यवस्था के तहत बिहार में मनरेगा के लिए फेज टू के पहले स्टेज में 17161 योजनाओं पर […]

प्रदेश में मनरेगा के लिए फेज टू के पहले स्टेज में 17161 काम हुए शुरू
पटना : मनरेगा के कामकाज की जियो टैगिंग के मामले में बिहार ने पूरे देश के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है. नयी व्यवस्था के तहत बिहार में मनरेगा के लिए फेज टू के पहले स्टेज में 17161 योजनाओं पर काम शुरू हुए.
इसमें से करीब 11089 काम की जियो टैगिंग की जा चुकी है जो कि कुल काम का 64.61 फीसदी है. वहीं, पूरे देश के आंकड़ों की बात करें तो केवल 34.42 फीसदी कामकाज की ही जियो टैगिंग हो सकी है. मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उसकी मॉनीटरिंग के लिए केंद्र सरकार ने एक नवंबर से जियो टैगिंग फेज टू व्यवस्था लागू की है.
मनरेगा के तहत फेज वन में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कुल 6,88,849 काम हुए. इसमें से 5,68,849 कार्यों की जियो टैगिंग की जा चुकी है. इस तरह करीब 82 फीसदी काम की जियो टैगिंग हो चुकी है. वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान फेज टू के स्टेज टू में मनरेगा के 2698 काम हुए. इसमें से करीब 214 की जियो टैगिंग की जा चुकी है.
क्या है जियो टैगिंग
जियो टैगिंग फेज टू में ग्राम पंचायतों में जो भी काम चिह्नित होंगे उसकी वित्तीय स्वीकृति के बाद डीपीआर फ्रीज कर भुवन ऐप (सेटेलाइट से जुड़ा) पर लोड किया जायेगा. भुवन ऐप हर सचिव के मोबाइल पर लोड है इसलिए उन्हें यह दिखने लगेगा.
सचिव उस प्रस्तावित काम की शुरुआत के पहले की दो फोटो खींचकर इस एेप में टैग करेंगे. इसके बाद काम को मंजूरी दी जायेगी. काम पर तीस फीसदी राशि खर्च होने पर फिर दो फोटो लेकर उस ऐप में टैग करना होगा. आखिर में काम समाप्ति के बाद भी सचिव को दो फोटो भेजनी होगी और उन फोटो को ऐप में टैग कर दिया जायेगा.
क्या होंगे फायदे : मनरेगा के तहत जियो टैगिंग का उद्देश्य विकास कार्यो में पारदर्शिता लाना है. इसका फायदा यह होगा कि भविष्य में जिस स्थान पर पहले ही विकास कार्य हो चुका है, वहां दोबारा कार्य न करवाया जा सके और सरकारी धन का दुरुपयोग न हो. जियो टैग के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे मनरेगा के तहत होने वाले विकास कार्यों की जानकारी हासिल कर पायेंगे.
क्या है मनरेगा योजना : रोजगार के लिए ग्रामीणों का शहरी इलाकों को पलायन रोकने और गांवों का विकास करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना चलायी जा रही है.इसके तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.

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