पटना: इस मॉनसून भी राजधानीवासियों को बजबजाते नाले व जलजमाव से मुक्ति नहीं मिलने की संभावना नहीं दिख रही है. नगर निगम प्रशासन ने 15 मई तक शहर के तमाम नालों की सफाई पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन समयसीमा खत्म होने के बाद भी बाकरगंज, सैदपुर जैसे बड़े नालों की सफाई नहीं हो सकी है.
जिन नालों की सफाई पूरी हुई है, उनमें सतह से गाद निकालने के बजाय ऊपर-ऊपर ही सफाई कर दी गयी है. पटेल नगर व सरपेंटाइन रोड नाले से निकाला गया कचरा कई जगह सड़क पर खुले में ही छोड़ दिया गया है, जो बारिश होने पर फिर से नाले में चला जायेगा.
सर्विस नालों पर नजर नहीं
शहर में बड़ी संख्या में सर्विस नाले हैं, जिन पर अधिकारियों की नजर नहीं गयी. हर मुहल्ले में ऐसे चार से पांच सर्विस नालों की वर्षो से सफाई नहीं हुई है. चिरैयाटांड़ में बैद्यनाथ भवन के सामने सर्विस नाला इसका उदाहरण है, जिसकी सफाई नहीं होने से उसमें बड़े-बड़े पेड़ उग आये हैं. इसके चलते दूसरे छोटे नालों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है.
30 फीसदी उड़ाही अब भी बाकी
हालांकि, निगम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि 70 फीसदी बड़े व मध्यम नालों की उड़ाही पूरी कर ली गयी है. लेकिन, 30 फीसदी नालों की उड़ाही का काम अब भी बाकी है. उनका कहना है कि मजदूरों व उपकरणों की कमी के चलते काम बाधित हुआ. 15 जून तक सफाई पूरी कर ली जायेगी. अधिकतर वार्डो में दैनिक मजदूरों की संख्या बढ़ायी गयी है. हर वार्ड में 10 से 15 अतिरिक्त मजदूर लगा कर सफाई करायी जा रही है. खास कर बड़े व मध्यम नालों की उड़ाही में 100 से अधिक मजदूर लगाये गये हैं.