पटना: बेटियों की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि समाज को जागरूक कर बेटियों को बचाना होगा. इसके लिए युवा शक्ति को जागृत करने की जरूरत है. वह गुरुवार को बीआइए में भूमिका विहार व प्लान इंडिया की ओर से ‘लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 को प्रभावी ढंग से लागू करने’ विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया, लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के तहत 53 अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर दंडात्मक कार्रवाई की गयी है. राज्य में संचालित 1284 सेंटरों पर सरकार की नजर है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा निशा झा ने महिलाओं को धैर्य व साहस के साथ काम कर बेटियों को बचाने की बात कही.
पत्रकार अजय कुमार ने समाज के अंतरविरोध को समाप्त करने की दिशा में काम करने की बात कही. प्लान इंडिया की कार्यक्रम प्रबंधक देवयानी खान ने एक्ट के तहत जिला स्तर पर इंस्पेक्शन, मॉनीटरिंग कमेटी व जिला एडवाइजरी कमेटी बना कर काम करने की बात कही.
बालश्रम आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद ने संस्कार के जरिये नारी सम्मान की भावना जागृत करने की बात कही. मौके पर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ एनके मिश्र, महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी, भूमिका विहार की निदेशिका शिल्पी भूमिका विहार के भगवान जी पाठक, अरविंद महिला कॉलेज की प्रो डॉ चित्र वैश्य, एएन कॉलेज की प्रो डॉ पूर्णिमा शेखर आदि मौजूद थे.