पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के औषधि विभाग(मेडिसिन) में मरीजों को आईसीयू की सुविधा मिले, इसके लिए आठ बेड का आईसीयू बन कर तैयार है, महज कुछ मशीनों के नहीं आने से मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. इन मशीनों को इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन को उपलब्ध कराना है.
स्थिति यह है कि महज दो मशीन इसीजी, इएमजी के साथ बीटल्स साइन मॉनीटर उपलब्ध नहीं होने और अस्पताल प्रशासन द्वारा एसी नहीं लगाये जाने की वजह से मेडिसिन का आइसीयू चालू नहीं हो पा रहा है.
समाप्त हुए वितीय वर्ष 2013-2014 में ही मशीनों व अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए कॉरपोरेशन को विभागाध्यक्ष डॉ आरआर चौधरी द्वारा आवेदन दिया गया था, जो निरस्त हो गया. ऐसे में विभागाध्यक्ष ने आईसीयू को चालू करने के लिए अप्रैल माह में ही आवेदन दिया. इसके बाद भी अब तक मशीनों को उपलब्ध नहीं कराया गया है. इतना ही नहीं, पारा मेडिकल स्टाफ की भी कमी है. जबकि, विभागाध्यक्ष का मानना है कि 19 मई से पहले कॉरपोरेशन से दोनों मशीन मिल जाये, तो विभाग के लिए बेहतर होगा. विभागाध्यक्ष डॉ आरआर चौधरी व हेल्थ मैनेजर श्याम किशोर के अनुसार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आईसीयू में वेटिलेंटर, ऑक्सीजन गैस पाइप, एयर समेत अन्य आधुनिक सुविधाओं का लाभ मरीजों को आठों बेड पर मिलेगा.
डायलीसिस व इंडोस्कोपी की सुविधा : विभागाध्यक्ष डॉ आरआर चौधरी ने बताया कि विभाग में मरीजों को डायलीसिस व इंडोस्कोपी की सुविधा दी जा रही है. हालांकि, डायलीसिस कराने आये मरीजों को डॉयोलेजलर बाजार से लाना पड़ता है, बाकी सभी सुविधा अस्पताल मुहैया कराती है. इस काम के लिए चिकित्सक डॉ सचिंद्र कुमार आस्तिक व ए ग्रेड की परिचारिका रेणुका श्रीवास्तव, जरीना व सुप्रिया को लगाया गया है. हालांकि डायलीसिस के लिए टेक्निशियन नहीं है. इसके बाद भी मरीजों को यह सुविधा चिकित्सकों के द्वारा विभागाध्यक्ष के निर्देश पर उपलब्ध करायी जा रही है.