पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आम व खास हर किसी को इस बात की उम्मीद रहती है कि अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बेहतर उपचार होगा. महंगी दवा व जांच की सुविधा अस्पताल में मिलेगी. मगर, स्थिति यह है कि इमरजेंसी में आये मरीजों को भी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अस्पताल में अक्सर ही हंगामा की स्थिति बनती है.
सोमवार को भी इमरजेंसी विभाग में भरती सिपाही के उपचार में हो रही कोताही व डॉक्टर के व्यवहार पर परिजन व साथ रहे आरक्षी भड़क गये और हंगामा करना शुरू कर दिया. चिकित्सकों की उपेक्षा से आजिज परिजन बेहतर उपचार के लिए आरक्षी को निजी उपचार केंद्र में ले गये. दरअसल मामला यह है कि अमित कुमार सिन्हा ने पटना पुलिस लाइन में चुनाव की वजह से योगदान दिया था. जख्मी आरक्षी के रिश्तेदार केबीएस प्रसाद व रजनीश ने बताया कि मधुबनी में लोकसभा चुनाव के लिए अमित की ड्यूटी लगी थी.
सोमवार की सुबह वो पटना जंक्शन से सहरसा एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ कर मधुबनी जाने को निकला था, ट्रेन पर चढ़ने के दरम्यान पांव फिसलने से वो जख्मी हो गया. जख्मी अमित को उपचार के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी में लाया गया.
जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों द्वारा उपचार में बरती जा रही कोताही को लेकर परिजनों का गुस्सा बढ़ गया था. रिश्तेदार रजनीश ने बताया कि जख्मी अमित की सास राजवंशी देवी डॉक्टरों ये परामर्श लेने और इलाज में हो रही देरी का जानने पहुंची, तो ड्यूटी पर तैनात सजर्री विभाग के चिकित्सक के व्यवहार से परिजन भड़क गये और हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा के दरम्यान ही मौके पर पहुंचे सुरक्षा प्रहरियों ने लोगों को समझा कर शांत कराया. हालांकि व्यवस्था से खिन्न होकर परिजन बेहतर उपचार के लिए जख्मी अमित को निजी उपचार केंद्र में ले गये. परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने जो दवा बाहर से लाने के लिए पुरजा दिया, उस पर दवा नहीं मिली. दुकानदार ने पुरजा पर डॉक्टर का हस्ताक्षर व मुहर देने की बात कही. जब परिजनों ने यह बात डॉक्टर को बतायी, तो डॉक्टरों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.