पटना/ रांची : लालू सहित अन्य लोगों के समर्थकों से रांची में कोर्ट परिसर खचाखच भरा हुआ था. लालू को दोषी करार दिये जाने के बाद राजद के पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद कोर्ट से बाहर निकलते हुए धक्का-मुक्की के कारण पोर्टिकाें में गिर गये. उनके समर्थकों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें उठाया. इसके बाद लालू प्रसाद जब कोर्ट से बाहर निकले तो उन्हें जेल हाजत तक ले जाने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गये. धक्का-मुक्की के बीच मीडिया के लोग उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे. इसी क्रम में एक पुलिसकर्मी गिर गया. बीच-बीच में भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस वालों को समर्थकों के साथ हल्की झड़प भी हुई.
Advertisement
कोर्ट परिसर में धक्का-मुक्की, कई गिरे
पटना/ रांची : लालू सहित अन्य लोगों के समर्थकों से रांची में कोर्ट परिसर खचाखच भरा हुआ था. लालू को दोषी करार दिये जाने के बाद राजद के पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद कोर्ट से बाहर निकलते हुए धक्का-मुक्की के कारण पोर्टिकाें में गिर गये. उनके समर्थकों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें उठाया. इसके बाद लालू प्रसाद […]
सब लूट गेलो हो भैया
लालू को दोषी करार दिये जाने के बाद उनके समर्थकों में भारी मायूसी थी. लेकिन लालू के कोर्ट से बाहर निकलते ही कुछ समर्थक लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. कहने लगे लालू यादव मत घबराना, तेरे पीछे सारा जमाना. इसी बीच कुछ नेताओं ने समर्थकों को याद दिलाया कि यह कोर्ट परिसर है कोई इस तरह का नारा नहीं लगाये. जब लालू कोर्ट हाजत पहुंचे तो कई समर्थकों के आंखों में आंसू आ गये. एक महिला समर्थक बोल पड़ी, दइया रे दइया, सब लूट गेलो हो भैया.
उदास लालू ने मिश्र से कहा : अच्छा, आप जाइए
चारा घोटाले में न्यायालय का फैसला सुनने के बाद डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र का चेहरा खिल उठा. न्यायालय की कार्रवाई शुरू करने से पहले न्यायाधीश द्वारा कोर्ट को ऑर्डर में लाने का आदेश दिया गया. इसके बाद हाजत इंचार्ज राम शंकर कुमार ने रूम खाली कराया. वह हाथ जोड़ कर सबसे कोर्ट रूम खाली करने का अनुरोध कर रहे थे. इसके बाद न्यायिक कार्रवाई शुरू हुई. न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में जगन्नाथ मिश्र सहित छह को बरी कर दिया. जिन्हें बरी किया,
उन्हें जाने को कहा गया. बाकी लोगों को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेने का निर्देश दिया. डॉक्टर मिश्र कोर्ट रूम में लालू के पीछे बैठे थे. फैसला सुनने के बाद डॉक्टर मिश्र का चेहरा खिल उठा. सामने बैठे लालू ने उदास होकर डॉक्टर मिश्र की पीठ थपथपा कर कहा : अच्छा, आप जाइये. इधर, कोर्ट द्वारा बरी किये जाने का फैसला सुनते ही ध्रुव भगत, विद्यासागर निषाद और एसी चौधरी का मुरझाया चेहरा भी खिल उठा.
इस बार भी जेल में ही दही-चूड़ा खायेंगे
इसे संयोग कहें या कुछ और कि इस बार भी राजद सुप्रीमो 2013 की तरह ही बिरसा केंद्रीय कारा, होटवार में मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा दिन में खायेंगे. वहीं रात में खिचड़ी और चोखा.
शिवपाल सिंह हैं कौन
चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 64ए/96 में फैसला सुनाने वाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. न्यायिक सेवा में योगदान देने के बाद उनका अधिकतम समय झारखंड के इलाके में गुजरा. वह बिहार के पूर्वी चंपारण और बाढ़ में पदस्थापित रहे. इसके बाद उन्होंने झारखंड के बोकारो, गोड्डा, दुमका, चाईबासा, गिरिडीह और हजारीबाग में अपनी सेवा दी. फिलहाल वह झारखंड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के रूप में पदस्थापित हैं.
कौन हैं राकेश प्रसाद
सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक राकेश प्रसाद वर्ष 1996 में सीबीआई की सेवा में आये. सेवा में आते ही वे चारा घोटाले के मामले से जुड़े रहे. उन्होंने अलकतरा घोटाला से जुड़े मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. चारा घोटाले की सुनवाई में वर्ष 2001-02 से जुड़े रहे. इसके अलावा वे झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां और दवा घोटाले के आरोपी डॉ प्रदीप कुमार के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कोर्ट में सीबीआई का पक्ष पेश कर रहे हैं.
काफिले के साथ
होटवार जेल पहुंचे लालू
रांची. न्यायालय से निकलने के बाद लालू प्रसाद यादव करीब 4.35 बजे होटवार जेल पहुंचे. पुलिसकर्मी सुरक्षा के दृष्टिकोण से उनके वाहन को स्कॉट कर रहे थे. उनकी गाड़ी के पीछे समर्थकों और नेताओं की गाड़ियों का काफिला था. काफिले में करीब 15 गाड़ियां थी. जेल गेट के अंदर लालू प्रसाद की गाड़ी प्रवेश करते ही समर्थक और नेताओं की गाड़ी बाहर रोक दी गयी. लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव सिर्फ जेल गेट के अंदर गये. बाद में अन्य आरोपी भी पुलिस की सुरक्षा में लाये गये. लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गयी.
इस दौरान अन्नपूर्णा देवी सहित बिहार के कई नेता जेल गेट के बाहर लालू यादव से मिलने के लिए खड़े रहे. इसके बाद समर्थकों ने सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी कर दी. समर्थकों की भीड़ के कारण जेल गेट के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा. सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने खुद सिटी एसपी अमन कुमार पहुंचे. उन्होंने जवानों को सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित आवश्यक निर्देश दिये.
लालू से मिलने के बाद तेजस्वी यादव जेल गेट से बाहर करीब 6.30 बजे निकले. उन्होंने मीडिया से कहा कि लालू यादव का जेल जाना गुजरात चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियां विशेष कर बीजेपी और आरएसएस की साजिश का परिणाम है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement