27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हृयूमन ट्रैफिकिंग व पॉक्सो मामले में बारीकी से करें जांच

पटना : अपराध अनुसंधान विभाग और हृयूमन लिबर्टी नेटवर्क के तत्वावधान में एसके मेमोरियल हॉल में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ खास किस्म के अपराध और उनकी तफ्तीश के बारीकियों के बारे में जानकारी दी गयी. किस तरह से घटनाओं के साक्ष्य जुटाये जायें, जिससे आरोपियों को अदालत […]

पटना : अपराध अनुसंधान विभाग और हृयूमन लिबर्टी नेटवर्क के तत्वावधान में एसके मेमोरियल हॉल में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ खास किस्म के अपराध और उनकी तफ्तीश के बारीकियों के बारे में जानकारी दी गयी. किस तरह से घटनाओं के साक्ष्य जुटाये जायें, जिससे आरोपियों को अदालत के सामने दोषी साबित किया जा सके. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पटना जिले के थानों के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल रहे. प्रशिक्षण में हृयूमन ट्रैफिकिंग एक्ट, चाइल्ड लेबर अमेंडमेंट एक्ट, जेजे एक्ट, एससीएसटी एक्ट, मिसिंग चिल्ड्रेन पोक्सो एक्ट के बारे में जानकारी दी गयी. इन अपराधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किये गये गाइड लाइन की भी चर्चा की गयी.
अपराध के बाद सही धारा लगाने की सलाह : सीआइडी की एसपी अनुसुईया रणसिंग्हे ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अक्सर पुलिस द्वारा नाबालिग बच्चों से जुड़े होने वाले अपराध की घटनाओं में सही धारा नहीं लगायी जाती है.
खास करके पाक्सो एक्ट के बारे में बताया गया. धाराओं की बारिकीयाें, तफ्तीश और चार्जशीट कैसे तैयार किया जाये, किन बातों का ख्याल रखा जाये ये बताया गया. एसपी कमजोर वर्ग ममता कल्याणी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहा कि कई बार रेप की पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट आने में देर हो जाती है. इसमें दो स्थिति होती है. पहली स्थिति यह है कि डॉक्टर के स्तर से मेडिकल रिपोर्ट में देर की जाती है, जिससे सबूत के हाथ से निकल जाने की आशंका रहती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें