खान व भूतत्व विभाग के सूत्रों की मानें, तो आम लोगों को उचित दर पर बालू-गिट्टी उपलब्ध करवानेवाले लक्ष्य की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. उसकी अगली चिंता पर्यावरण सुरक्षा को लेकर है जिसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) समय-समय पर दिशानिर्देश जारी करता रहा है. वायु प्रदूषण बढ़ाने में प्रदेश में चलनेवाली गाड़ियां व ईंट-भट्ठे को बड़ा कारण बताया जा रहा हैं. वहीं विभाग ने स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया हुआ है कि ईंट-भट्ठों के लिए उपयोग की गयी जमीन का सूचना ईंट-भट्ठे अपने यहां लगाएं.
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बालू और गिट्टी के बाद ईंट-भट्ठों पर अब विभाग कसेगा शिकंजा
पटना : बालू-गिट्टी के अवैध खनन व कारोबार के खिलाफ अभियान चलाने के बाद खान व भूतत्व विभाग ईंट-भट्ठों पर शिकंजा कसेगा. इसके लिए 2018 की शुरुआत से नयी कार्ययोजना सख्ती से लागू की जायेगी. इससे आम लोगों को उचित दर पर अच्छी ईंटें मिलेंगी. साथ ही पर्यावरण संतुलन बढ़ाने का प्रयास होगा और सरकार […]
पटना : बालू-गिट्टी के अवैध खनन व कारोबार के खिलाफ अभियान चलाने के बाद खान व भूतत्व विभाग ईंट-भट्ठों पर शिकंजा कसेगा. इसके लिए 2018 की शुरुआत से नयी कार्ययोजना सख्ती से लागू की जायेगी. इससे आम लोगों को उचित दर पर अच्छी ईंटें मिलेंगी. साथ ही पर्यावरण संतुलन बढ़ाने का प्रयास होगा और सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. इसके पहले विभाग का लक्ष्य एक दिसंबर से आम लोगों को बालू-गिट्टी उचित दर पर उपलब्ध करवाना और नये नियमों के अनुसार इनकी खनन प्रक्रिया को ठीक करना है.
ईंट-भट्ठों की संख्या 6377
सूत्रों की मानें तो प्रदेश भर में ईंट भट्ठों की संख्या करीब 6377 है. इनमें 5908 ईंट-भट्ठे ही पंजीकृत हैं, जिन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनओसी दिया है. वहीं 2,824 ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो पंजीकृत हैं लेकिन पुरानी तकनीक से संचालित किये जा रहे हैं. इसके अलावा 3,362 ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जिन्होंने दोबारा आवेदन नहीं दिया है.
डेडलाइन तय
उपमुख्यमंत्री सह वन व पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी ने सभी ईंट-भट्ठों को अपने यहां उन्नत व स्वच्छ तकनीक (जिग-जैग सिस्टम) में इस्तेमाल शुरू करने की अंतिम समय सीमा 31 अगस्त, 2017 दी है.
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