पटना: सीबीआइ ने बिहार के चार छात्रों के खिलाफ भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा तरीके से नौकरी हासिल करने के मामले में एफआइआर दर्ज की है. इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वर्ष 2016 के मई महीने में चेन्नई के पास तिरुचिरापल्ली स्थित केंद्रीय आयुध कारखाना के तीन तरह […]
पटना: सीबीआइ ने बिहार के चार छात्रों के खिलाफ भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा तरीके से नौकरी हासिल करने के मामले में एफआइआर दर्ज की है. इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वर्ष 2016 के मई महीने में चेन्नई के पास तिरुचिरापल्ली स्थित केंद्रीय आयुध कारखाना के तीन तरह के पदों के लिए 43 पदों की रिक्ति के लिए परीक्षा हुई थी.
ये तीन पद दरबान, एमटीएस और एलडीसी के थे. इसमें 15 अभ्यर्थियों का चयन एमटीएस पद के लिए हुआ था, लेकिन चयन के बाद हुई जांच प्रक्रिया में नौ अभ्यर्थियों को संदिग्ध पाया गया. तब इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गयी. फिंगर प्रिंट समेत अन्य तरीके से जांच के बाद यह पाया गया कि बिहार के चार अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल कर ली है.
दूसरे को बैठाकर पास की परीक्षा
वर्तमान में ये चारों चेन्नई आयुध कारखाना में कार्यरत हैं. फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद अब जल्द ही सीबीआइ इनसे गहन पूछताछ करने जा रही है. इसके बाद इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. सीबीआइ ने जिन चार के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उसमें राम गोपाल, धन्नजय कुमार राय, रौशन कुमार और अनजीत कुमार शामिल हैं. इसमें अनजीत कुमार मुंगेर जिला के कटारिया के नवलखा और रौशन कुमार लखीसराय जिले के गोपालपुर का रहने वाला है. धन्नजय कुमार राय भी मुंगेर जिला की ही रहने वाला है. जबकि गोपाल कुमार बिहार के ही किसी अन्य जिले का रहने वाला है. हालांकि गोपाल और धन्नजय का तिरुचिरापल्ली का स्थानीय पता भी रिकॉर्ड में मौजूद है. इस मामले में बिहार के एक अन्य उत्तम कुमार को भी आरोपी बनाया गया है.
इनके अलावा इस फर्जीवाड़ा में दिल्ली की कंपनी मेसर्स एसीइ कंस्लटेंट और चेन्नई की कंपनी सतव्रत इंफोसोल को भी अभियुक्त बनाया गया है. इन दोनों कंपनियों ने प्रश्न-पत्र छापने और ऑनलाइन आवेदन कराने का काम किया था. इन दोनों कंपनियों के अलावा आयुध कारखाना के कुछ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जो इस फर्जीवाड़ा में शामिल हैं. फिलहाल सीबीआइ इनकी जांच कर पता लगाने का काम कर रही है. इन आरोपियों ने परीक्षा में अपने स्थान पर किसी दूसरे को बैठाकर गलत तरीके से परीक्षा पास की. इसके लिए इन्होंने मैनेज करके फिंगर-प्रिंट बदलने से लेकर अन्य सभी स्तर पर हेर-फेर करने का भी काम किया है.