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बिहार : पैक्स को कम ब्याज दर पर कर्ज : सीएम
पटना : अब पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव सोसाइटीज) को राज्य सरकार सहकारी बैंकों के जरिये कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ज्ञान भवन में सहकारिता विभाग की कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सहकारी बैंकों को सरकार कम ब्याज दर पर कर्ज देगी तो इसका लाभ […]
पटना : अब पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव सोसाइटीज) को राज्य सरकार सहकारी बैंकों के जरिये कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ज्ञान भवन में सहकारिता विभाग की कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सहकारी बैंकों को सरकार कम ब्याज दर पर कर्ज देगी तो इसका लाभ पैक्स को मिलना चाहिए.
सहकारी बैंकों को सरकार 7% ब्याज दर पर राशि उपलब्ध करायेगी तो वे पैक्स को अधिकतम 8% ब्याज पर राशि उपलब्ध कराएं. अभी यह दर 11% है. सरकार इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है. साथ ही मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि सब्जी उत्पादन में बिहार नंबर वन बनेगा.
मुख्यमंत्री ने पांच सब्जी उत्पादन सहकारी समितियों को निबंधन पत्र भी दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 136.58 करोड़ रुपये की विभागीय योजनाओं का उद्घाटन और 96.27 करोड़ रुपये की योजनाओं के निर्माण कार्य का शुभारंभ रिमोट के जरिये किया.इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी. सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह व पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के विकास और उसको सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. पिछले 10 साल में सहकारिता के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. इसका परिणाम सबके सामने है. उन्होंने कहा कि कृषि के विकास के लिए सहकारिता का विकास आवश्यक है. पहले कृषि रोड मैप से सहकारिता इसमें शामिल है. राज्य के 76% लोगों की आय का साधन कृषि है. कृषि का विकास होगा तो लोगों की आमदनी बढ़ेगी. लोगों की आमदनी बढ़ेगी तो राज्य के जीडीपी में बढ़ोतरी होगी. इसमें सहकारिता मुख्य भूमिका निभायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की खरीद जरूरी है. पहले राज्य में धान की खरीद नहीं के बराबर होती थी. किसानों को औने–पौने दाम में अनाज बेचना पड़ता था. बिहार अब अन्न उत्पादन में सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं हुआ है, बल्कि अपनी जरूरत से अधिक अन्न का उत्पादन भी कर रहा है.
पैक्स को क्रियाशील बनाया गया है. पिछले 10 सालों में पैक्स से जुड़े सदस्यों की संख्या 37 लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ हो गयी है, जबकि महिला सदस्यों की संख्या दो लाख से बढ़कर 36 लाख के करीब हो गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी इच्छा है कि महिला सदस्यों की संख्या और अधिक बढ़े, क्योंकि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका अहम है.
महिलाओं की भागीदारी के बिना खेतीबारी अब संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पैक्स अब लोकतांत्रिक संगठन के रूप में काम कर रहे हैं. ऐसे में अगर समय पर चुनाव और समय पर अाॅडिट हो जाये तो पैक्स और भी सशक्त होंगे.
उन्होंने कहा कि हर जिले में 35.22 करोड़ रुपये से सहकार भवन का निर्माण होगा. इससे सहकारिता जगत का स्वरूप और भी भव्य होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स योजना के तहत चयनित पैक्स को सम्मानित भी किया जायेगा ताकि उनमें एक प्रतिस्पर्द्धा का माहौल कायम हो . हर पैक्स में 200 एमटी क्षमता का गोदाम बनेगा.
इसके पहले सहकारिता विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा ने विस्तार से विभाग की उपलब्धियों व कार्ययोजना को रखा. मार्च तक हर घर से कम-से-कम एक सदस्य को पैक्स का सदस्य बना दिया जायेगा. धन्यवाद ज्ञापन निबंधक सहयोग समितियां एनपी मंडल ने किया.
इस मौके पर विधायक लालबाबू गुप्ता, बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, पटना के चेयरमैन रमेश चंद्र चौबे, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त सुनील कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष वर्मा और सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के अध्यक्ष मौजूद थे.
समय पर हो पैक्स का चुनाव और अाॅडिट
19% नमी तक धान की खरीदारी पर निर्णय जल्द
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां अनाज की खरीद पैक्स के माध्यम से होती है. इसी का परिणाम है कि जहां पहले नगण्य खरीदारी होती थी, वहां अब 18–20 लाख मीट्रिक टन खरीद होने लगी है. इस लक्ष्य को और अधिक बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि धान में 17% नमी की सीमा निर्धारण होने के कारण खरीद में काफी कठिनाई होती है. इसे बढ़ाकर 19% करने के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है. जल्द ही यह भी लागू हो जायेगा.
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