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बिहार : शहाबुद्दीन को मुफ्त में नहीं मिलेगा वकील

निर्देश. निचली अदालत द्वारा मुफ्त सहायता दिये जाने का आदेश निरस्त नये सिरे से सुनवाई कर फैसला देने का निर्देश पटना : पटना हाईकोर्ट ने सीवान से राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को झटका देते हुए निचली अदालत द्वारा उनके पक्ष में दिये गये उक्त आदेश को निरस्त कर दिया. इस आदेश में कहा […]

निर्देश. निचली अदालत द्वारा मुफ्त सहायता दिये जाने का आदेश निरस्त

नये सिरे से सुनवाई कर फैसला देने का निर्देश

पटना : पटना हाईकोर्ट ने सीवान से राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को झटका देते हुए निचली अदालत द्वारा उनके पक्ष में दिये गये उक्त आदेश को निरस्त कर दिया. इस आदेश में कहा गया था कि पूर्व सांसद के विरुद्ध दायर आपराधिक मामलों में उनकी ओर से पैरवी करने हेतु सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता मुहैया कराया जाये. अदालत ने इस मामले पर नये सिरे से सुनवाई करते हुए दिये गये आदेश पर पुनर्विचार करने का निर्देश निचली अदालत को दिया है.

जस्टिस वीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. गौरतलब है कि सीवान के बाहुबली पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन ने अपने विरुद्ध मुकदमे को सरकारी खर्च पर लड़ने की याचिका सिवान की अदालत में दायर की थी. इस पर अदालत ने सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार को सरकारी खर्च पर पूर्व सांसद को अधिवक्ता मुहैया कराने का निर्देश दिया था. निचली अदालत के उक्त आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी.

राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि 14 जून, 2013, 18 जुलाई, 2013 को एडिशनल सेशंस जज फर्स्ट कम स्पेशल जज, सीवान जेल कोर्ट ने विधि सेवा प्राधिकार के तय मापदंडों को दरकिनार करते हुए एसटी नं 88/12, 419/16 में अधिवक्ता अभय कुमार रंजन को सरकारी खर्चे पर पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन का अधिवक्ता नियुक्त किया था, जो विधिक सेवा प्राधिकार की धारा 11 का उल्लंघन है.

राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन अपने विरुद्ध दायर आपराधिक एवं अन्य मामलों की पैरवी हेतु अधिवक्ता रखने में पूर्ण सक्षम हैं. ऐसे में सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाने का आदेश दिया जाना सही नहीं है. अदालत को यह भी बताया गया कि पूर्व सांसद मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने हेतु तय श्रेणी में नहीं आते हैं.

बिहार : वर्षों बाद भी ईएसआईसी के भवन का निर्माण अधूरा क्यों

पटना : ढाई वर्ष में इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस काॅरपोरेशन (ईएसआईसी) के अस्पताल के भवन के निर्धारित लक्ष्य को सात वर्ष में भी पूरा नहीं हो पाने पर गंभीरता दिखाते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विवेकानंद शर्मा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के अस्पताल भवन का निर्माण राजधानी पटना के बिहटा में एनबीसी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. इस भवन का शिलान्यास वर्ष 2009 में किया गया था. 5.30 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन को ढाई वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. परंतु सात वर्ष समाप्त होने को है, परंतु अभी तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.

प्रदूषण पर पावर होल्डिंग कंपनी से जवाब-तलब

पटना : बांका के चिरैया मेंबन रहे पावर सब स्टेशन से आसपास के इलाके में होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर पटना हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए पावर होल्डिंग कंपनी से दो सप्ताह में स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया है.

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि बांका जिला के चिरैया में पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. इससे आसपास के इलाके में पर्यावरण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. इसका प्रतिकूल प्रभाव इन इलाकों में रहनेवाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. परंतु इसकी रोकथाम के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

कांग्रेसी नेता संजीव प्रसाद टोनी को बड़ी राहत

पटना : हाजीपुर (सु.) लोकसभा संसदीय चुनाव 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे संजीव कुमार टोनी को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान करते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत उनके विरुद्ध दायर दो प्राथमिकी को निरस्त कर दिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने संजीव प्रसाद टोनी की ओर से दायर दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

गौरतलब है कि संजीव प्रसाद टोनी वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हाजीपुर (सु.) से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे थे. चुनाव में श्री टोनी लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान से करीब 2 लाख 25 हजार 500 मतों से चुनाव हार गये थे.

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