पटनाः काली सूची में शामिल वैसे कंपनियां जिन्होंने अपना काम समय पर पूरा नहीं किया है, उन्हें हर हाल में इसे पूरा करना है. इस नयी व्यवस्था के तहत 14 बड़ी कंपनियों को सड़क, पुल और भवन निर्माण का काम लेने के लिए पहले अपने अधूरे काम को पूरा करने का टास्क निभाना है. पुल निर्माण निगम, जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग का काम करा रही बड़ी कंपनियों को काली सूची से बाहर आने के लिए अपना काम पूरा करना पड़ रहा है.
भागलपुर की एक बड़ी कंपनी को कहलगांव के बटेश्वर स्थान पंप नहर योजना का काम पूरा कराना पड़ रहा है. उसी तरह बोरिंग रोड की एक कंपनी को गड़हरा-हथौड़ी पथ के चौड़ीकरण का काम कराना पड़ रहा है. औरंगाबाद की कंपनी को सासाराम, औरंगाबाद, पटना, पालीगंज, दरभंगा, बक्सर, रोहतास और नवादा की बड़ी कंपनियों को ग्रामीण सड़कों के मजबूतीकरण और चौड़ीकरण, मुख्यमंत्री सेतु, गंगा पंप नहर योजना और पंचायत भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराना पड़ रहा है.
14 कंपनियों को ग्रामीण कार्य, पुल निर्माण निगम और जल संसाधान विभाग ने 980 करोड़ का काम दे रखा है. काली सूची से मुक्त होने और अगली निविदा में भाग लेने के लिए 14 कंपनियां दिन-रात काम पूरा कराने में लगी हैं. अप्रैल तक सभी कार्य पूर्ण होने के बाद कंपनियां चुनाव बाद दूसरे काम के लिए टेंडर डाल सकेंगी. कंपनियों को लोकसभा चुनाव संपन्न होने का इंतजार है.