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बिहार : …जब संस्कृत की कॉपी में छात्र ने खोला शिक्षा विभाग का पोल…लिखा, ”किताब नहीं मिला है जी”
क्लास दो से आठ तक की छमाही मूल्यांकन की कॉपियों की जांच शुरू पटना : प्रारंभिक स्कूलों के छमाही मूल्यांकन की कॉपियों की जांच सोमवार से शुरू हो गयी. जांच के दौरान मिली संस्कृत की एक कॉपी की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें छात्र ने ऑब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर तो दिया है, लेकिन लिखित […]
क्लास दो से आठ तक की छमाही मूल्यांकन की कॉपियों की जांच शुरू
पटना : प्रारंभिक स्कूलों के छमाही मूल्यांकन की कॉपियों की जांच सोमवार से शुरू हो गयी. जांच के दौरान मिली संस्कृत की एक कॉपी की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें छात्र ने ऑब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर तो दिया है, लेकिन लिखित प्रश्नों के जवाब की जगह ‘किताब नहीं मिला है जी’ लिखा है.
इससे शिक्षा विभाग के उस दावे की भी पोल खुल गयी है, जिसमें उसने 33 फीसदी बच्चों को किताबें उपलब्ध करा देने का दावा किया था. कॉपियों का मूल्यांकन छह नवंबर तक होना है और आठ नवंबर को सभी प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों और अभिभावकों की बैठक कर प्रगति रिपोर्ट जारी की जायेगी.
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पांच से 11 अक्तूबर तक अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन का आयोजन किया गया था. इसका मूल्यांकन 13 से 23 अक्तूबर को ही होना था, लेकिन दीपावली व छठ को लेकर इसकी तिथि में फेरबदल की गयी थी.
छमाही मूल्यांकन के बाद अब जिलों में किताबें भी पहुंचनी शुरू हुई हैं. राज्य के बाहर की एजेंसियों से इस बार किताबें देर से छपायी गयी थीं, जिससे सत्र शुरू होने से छह महीने के बाद बच्चों को किताबें मिलनी शुरू हुईं. कपंनियां सीधे प्रखंडों में अलग-अलग विषयों की किताबों का सेट उपलब्ध करा रही है, लेकिन अब भी आधे से अधिक बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी हैं.
किताबें मिलने तक खत्म हो जायेगा सत्र
सरकारी स्कूलों के बच्चों को क्लास एक से आठ तक की इस सत्र 2017-18 में सभी किताबें मिलते-मिलते सत्र बीत जायेगा. इस बार किसी क्लास व छात्र के लिए सभी विषयों का एक-एक सेट तैयार कर नहीं, बल्कि अलग-अलग विषयों की किताबों का सेट उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे किसी स्कूल में एक, किसी में दो तो किसी स्कूल में तीन विषय की किताबें मिल पा रही हैं.
किताबें दी जा रहीं
यह सही है कि सभी स्कूली बच्चों को किताबें नहीं मिल सकी हैं. सरकार ने पुरानी किताबें बच्चों से लेकर करीब 33 फीसदी बच्चों को किताबें दी थीं. अब नयी किताबें दी जा रही हैं.
राजीव रंजन प्रसाद, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना
व्यवस्था पर बच्चे ने की है चोट : शिक्षा मंत्री
संस्कृत की उत्तर पुस्तिका पर जवाब के बदले छात्र की ओर से लिखा गया ‘किताब नहीं मिला है जी ‘ पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि बच्चे ने व्यवस्था पर चोट किया है. इस साल बच्चों को किताबें देने में शिथिलता बरती गयी है.
कई परिस्थितियों के कारण समय पर किताब नहीं दी जा सकी, लेकिन अब बच्चों को किताबें उपलब्ध करायी जा रही हैं. अगली बार ऐसी नौबत नहीं आयेगी. किताब के बिना किसी भी बच्चेे को कॉपियों पर ऐसी चीजें न लिखनी पड़े, ऐसी सारी कमियों को दूर किया जायेगा.
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