अध्यक्ष व दो सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी. जांच आयोग के संयोजक बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी अथवा बिहार सचिवालय सेवा के अवर सचिव स्तर के कार्यरत पदाधिकारी होंगे जिनकी प्रतिनियुक्ति राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा की जायेगी. इसका कार्यकाल दो वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है. इसका मुख्यालय पटना में होगा. आयोग की जिम्मेवारी है कि वह बिहार भूदान यज्ञ समिति को आगे कार्यरत रखने का औचित्य तथा समिति भंग किये जाने की स्थिति में भूदान से प्राप्त भूमि के रखरखाव एवं रेगुलेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में सुझाव दे.
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कैबिनेट के फैसले: जांच के लिए चार सदस्यीय आयोग गठित, भूदान की जमीन बांटने में गड़बड़ी की होगी जांच
पटना: राज्य सरकार भूदान में मिली जमीन को बांटने में हुई गड़बड़ी की जांच करायेगी. इसके लिए सरकार ने भूदान यज्ञ समिति द्वारा बरती गयी अनियमितताओं की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया है. कैबिनेट ने शनिवार को जांच आयोग के गठन पर मुहर लगा दी है. अवकाशप्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी […]
पटना: राज्य सरकार भूदान में मिली जमीन को बांटने में हुई गड़बड़ी की जांच करायेगी. इसके लिए सरकार ने भूदान यज्ञ समिति द्वारा बरती गयी अनियमितताओं की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया है. कैबिनेट ने शनिवार को जांच आयोग के गठन पर मुहर लगा दी है. अवकाशप्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है. इसमें दो सदस्य बिहार प्रशासनिक सेवा के संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अवकाश प्राप्त अधिकारी होंगे.
एसोसिएशन ने की निंदा
बिहार पुलिस एसाेसिएशन के अध्यक्ष म़ृत्युंजय प्रसाद सिंह ने जहरीली शराब पीने से चार की मौत के मामले में पुलिस कर्मियों के निलंबन की कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध बढ़ने पर पुलिस पर कार्रवाई होती है. यह कार्रवाई उत्पाद विभाग के अधिकारियों के खिलाफ होनी चाहिए. बिना जांच कराये पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को दोषी मानकर कार्रवाई की गयी है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि शराबबंदी नीति के बाद अच्छे कार्य करने वाले पुलिस कर्मी जिसमें आरक्षी से एसपी तक सम्मानित किये गये थे, पर शराबबंदी से होनेवाली मौत के बाद थाने स्तर से ऊपर के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
काम हुआ शुरू
मालूम हो कि भूधारियों द्वारा 1951 में जमीन दान का काम शुरू किया गया. इसके तहत राज्य भर में छह लाख 48 हजार 593.14 एकड़ जमीन दान में प्राप्त हुई. कुल भूमि में से अब तक समिति द्वारा दो लाख 56 हजार 658.94 एकड़ भूमि वितरित की गयी. अभी 5749.73 एकड़ भूमि का वितरण शेष है. दान में प्राप्त 3866184.47 एकड़ भूमि वितरण के लिए अयोग्य बतलाया गया है.
जेपी के गांव की सुरक्षा के लिए रिंग बांध निर्माण की राशि स्वीकृत
पटना. बिहार व उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा को बचाने की पहल शुरू हो गयी है. राज्य सरकार ने शनिवार को जेपी के गांव को बचाने के लिए रिंग बांध के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दे दी है. बिहार सरकार ने रिंग बांध के निर्माण के लिए 85 करोड़ 99 लाख 30 हजार की राशि स्वीकृत की है. कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने पहले ही अपने क्षेत्र में निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की है. रिंग बांध के निर्माण पर दोनों राज्य सरकारों की सहमति मिल गयी है. प्रधान सचिव ने बताया कि इसके अलावा जल संसाधन विभाग की अन्य योजनाओं पर भी कैबिनेट द्वारा मुहर लगायी गयी है. राज्य कैबिनेट ने बिहार जल संसाधन विभाग के अवर अभियंत्रण (असैनिक) संवर्ग भर्ती (संशोधन) नियमावली 2017 का गठन, बिहार जल संसाधन विभाग के अवर अभियंता (असैनिक) संवर्ग भर्ती (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2017 के गठन, उच्च न्यायालय के पारित न्यायादेश के पालन में वृंदा प्रसाद (सेवा निवृत्त मुख्य अभियंता) को एक फरवरी 1998 के प्रभाव से अभियंता प्रमुख के पद पर वेतनमान में वैचारिक प्रोन्नति देने, वर्ष 2017 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तटबंधों, संरचनाओं, बराजों व क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्स्थापन के लिए विभाग को 2017-18 में आकस्मिकता निधि से 300 करोड़ की अग्रिम की स्वीकृति, भागलपुर जिले में गंगा नदी के बायें तट पर जहान्वी चौक से इस्माइलपुर तक तटबंध निर्माण कार्य के लिए 42 करोड़ 42 लाख 18 हजार की स्वीकृति दी गयी है.
आयोग कईबिंदुओं पर करेगा जांच
कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि जांच आयोग का विषय भूदान यज्ञ अधिनियम, 1954 के तहत दान स्वरूप प्राप्त जमीन के प्रबंधन एवं वितरण में बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा बरती गयी अनियमितताएं शामिल हैं. आयोग की जांच के विषय में भूदान यज्ञ समिति को दान से प्राप्त भूमि, उसकी स्थिति, क्या जमीन वितरित हुई अथवा नहीं और यदि वितरित नहीं हुई है तो वर्तमान में उसकी स्थिति की जांच, दान पत्रों की संपुष्टि की स्थिति एवं संपुष्टि नहीं होने के कारणों की जांच करना,क्या भूदान भूमि का वितरण बिहार भूदान यज्ञ अधिनियम, 1954 के प्रावधानों तथा इससे संबंधित नियमों के अनुसार हुआ है,भूदान यज्ञ समिति द्वारा वितरित भूमि पर प्रमाण पत्र धारकों का दखल कब्जा की स्थिति क्या है, क्या भूमिहीन व्यक्तियों एवं अन्य को आवंटित भूमि का आवंटन बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा बिना संबंधित राजस्व पदाधिकारी का पूर्वानुमोदन प्राप्त किये अपने स्तर से रद्द कर दिया गया तथा ऐसी भूमि के पुनर्वितरण में स्थापित प्रावधानों का अनुसरण किया गया है या नहीं, दान पत्रों की संपुष्टि कराये बिना भूदान यज्ञ समिति द्वारा सरकारी भूमि के वितरण तथा इससे उत्पन्न विवादों की स्थिति क्या है, आयोग जांच कार्य के लिए सरकारी विभागों के मुख्यालयों एवं क्षेत्रीय कार्यालयों अथवा अन्य किसी संस्था की सहायता ले सकता है.
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