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इलाज के दौरान अस्पताल में मौत, हंगामा
आक्रोश. डॉक्टर की फटकार से स्वास्थ्यकर्मी हुआ बेहोश, कर्मियों ने िकया प्रदर्शन खगौल : मंडल रेल अस्पताल के कर्मी को रोगी देखने के लिए डॉक्टर को केबिन से बुलाना काफी महंगा पड़ा. यह मामला रेल मंडल अस्पताल दानापुर का है. इस अस्पताल में एक रोगी को देखने के लिए इमरजेंसी ड्यूटी में कार्यरत डॉ पीके […]
आक्रोश. डॉक्टर की फटकार से स्वास्थ्यकर्मी हुआ बेहोश, कर्मियों ने िकया प्रदर्शन
खगौल : मंडल रेल अस्पताल के कर्मी को रोगी देखने के लिए डॉक्टर को केबिन से बुलाना काफी महंगा पड़ा. यह मामला रेल मंडल अस्पताल दानापुर का है. इस अस्पताल में एक रोगी को देखने के लिए इमरजेंसी ड्यूटी में कार्यरत डॉ पीके मिश्र को उनके केबिन से बुलाने गया तो उनका मूड काफी गर्म हो गया. बुलाने गये ड्यूटी पर कार्यरत अस्पतालकर्मी भगवान पासवान को अपशब्द कह कर इस तरह से डांट-फटकार लगायी कि वह बेहोश होकर वहीं गिर गया. बताया गया कि उसे ब्रेनहेमरेज हो गया है.
इसके बाद उसे आनन-फानन में सहकर्मियों ने बेड पर ला कर सुला दिया, जिसे अस्पताल के डॉ परमहंस ने देखा और स्थिति ठीक नहीं होने पर उसे सेंट्रल रेल अस्पताल पटना रेफर कर दिया. सेंट्रल हॉस्पिटल से भी फोर्ड हॉस्पिटल रेफर किया गया, जहां रात्रि आठ बजे उसकी मौत हो गयी. वहीं उनके साथी उस टाइम जो ड्यूटी पर कार्यरत ड्रेसर राजू कुमार ने आंखों देखा हाल यह बताया कि एक मरीज दिखाने आया था, जिसके लिए परिचालक भगवान डॉक्टर साहब को उनके कमरे से बुलाने गया. इस दौरान डॉक्टर ने उसे बहुत गंदी-गंदी बातें कहीं, जिसके सदमा से वह जमीन पर गिर पड़ा. इन लोगों का कहना है कि हमलोगों को केबिन से डॉक्टर साहब को बुलाने में डर लगता है.
इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने डॉ मिश्र के खिलाफ जम कर हंगामा और प्रदर्शन किया. अस्पताल के कर्मचारी पुष्पा देवी, गंगा, लक्ष्मी, रामदेव, निजाम, रामबाबू, रघुवीर, देवानंद, मंजू, पुतुल, राज मुन्नी, गुच्ची, पार्वती, गोपाल, सोना आदि ने रेल प्रशासन से मांग की है कि डॉ मिश्र को यहां से स्थानांतरण कर कानूनी कार्रवाई की जाये. अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो, डॉ मिश्र के खिलाफ विरोध जारी रहेगा. वहीं, पूर्व मध्य रेल मजदूर कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष जफर अहसन ने घटना की निंदा करते हुए रेलवे प्रशासन से मांग की मामले की निष्पक्ष जांच हो. दोषी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाये.
आरोप बेबुनियाद : मुख्य चिकित्सा अधीक्षक : इस संबंध में अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरएन राय ने बताया कि डॉ मिश्र पर लगाया गया आरोप झूठा और बेबुनियाद है. डॉ साहब ने गुस्सा में कर्मचारी को सिर्फ डांटा था और कुछ तो नहीं कहा.
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