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महज तीन एमवीआई संभाल रहे 50 लाख गाड़ियों का हिसाब
राजधानी में नहीं होती है गाड़ियों की सुरक्षा और प्रदूषण की चेकिंग न प्रदूषण जांच और न ही चलता है अभियान पटना : पटना जिले में महज तीन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर यानी एमवीआई 50 लाख से ज्यादा गाड़ियों का हिसाब किताब संभाल रहे हैं. एमवीआई की कमी के कारण राजधानी में कई काम नहीं हो […]
राजधानी में नहीं होती है गाड़ियों की सुरक्षा और प्रदूषण की चेकिंग
न प्रदूषण जांच और न ही चलता है अभियान
पटना : पटना जिले में महज तीन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर यानी एमवीआई 50 लाख से ज्यादा गाड़ियों का हिसाब किताब संभाल रहे हैं. एमवीआई की कमी के कारण राजधानी में कई काम नहीं हो पा रहे हैं. जागरूकता के नाम पर सिर्फ यहां सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है. शहर में चलनेवाली खटारा गाड़ियों की फौज खड़ी है.
चाहे वो सार्वजनिक बसें हो या फिर ऑटो. जिन गाड़ियों को पूर्व के डीटीओ द्वारा कंडम घोषित कर दिया गया है, वे गाड़ियां आज फिर से धड़ल्ले से दौड़ रही है. यही गाड़ियां लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. बच्चों को स्कूल पहुंचाने वाली अधिकांश गाड़ियां (स्कूल का अपना वाहन छोड़कर) खटारा है. इस भगवान भरोसे बच्चे स्कूल आ और जा रहे हैं लेकिन प्रशासन को यह सब नजर नहीं आ रही है. नाबालिग बच्चे जुगाड़ गाड़ी धड़ल्ले से चला रहे हैं. स्कूल बस को छोड़कर अन्य गाड़ियां जर्जर स्थिति में हैं. इन गाड़ियों पर बच्चों को ढोया जा रहा है. एक मारुति वैन में ड्राइवर को छोड़कर सात छात्र ही सवार हो सकते हैं, लेकिन स्कूली वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंसकर भरा जाता है. सुरक्षा जांच के बाद प्रदूषण जांच भी नहीं होती. सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों पर कोई ध्यान नहीं देता है.
कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता
सार्वजनिक वाहनों व चालकों के विरुद्ध इस वर्ष नहीं के बराबर कार्रवाई हुई है. कभी-कभार औपचारिकता वश हेलमेट व कागजात चेकिंग के नाम पर कुछेक वाहनों पर जुर्माना जरूर किया गया है लेकिन अभियान चलाकर कार्रवाई नहीं की गई है. संसाधनों के अभाव से कार्रवाई प्रभावित हो रही है. परिवहन नियमों का पालन कराने के लिए परिवहन विभाग के पास संसाधन की काफी कमी है. परिवहन विभाग के पास न तो खामियों की जांच करने का यंत्र है और न ही इस पर विचार करने के लिए एमवीआई. ओवरलोड व अनफिट वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के नहीं हो रही कारगर पहल.
कमी है प्रदेश व्यापी
एमवीआई की कमी प्रदेश व्यापी है. पटना से दो एमवीआई के ट्रांसफर होने के कारण रोजमर्रा के काम प्रभावित हुए हैं. हमने विभाग से मांग की है, उम्मीद है कि हमें जल्द ही और एमवीआई मिल जायें ताकि हमारी कार्रवाई पहले की तरह सुचारु हो सके.
अजय कुमार ठाकुर, डीटीओ, पटना
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