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राष्ट्रीय खाद्य दिवस आज : ऊपरी आहार नहीं मिलने से कमजोर हो रहे बिहार के बच्चे
राजेश कुमार सिंह पटना : कुपोषण और बौनेपन के पैर पसारने के कारण अलर्ट हुई राज्य सरकार के लिए एक और परेशान करने वाली सूचना है. बिहार के बच्चों को स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार से भी दूर किया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि बच्चों का ठीक से विकास नहीं हो […]
राजेश कुमार सिंह
पटना : कुपोषण और बौनेपन के पैर पसारने के कारण अलर्ट हुई राज्य सरकार के लिए एक और परेशान करने वाली सूचना है. बिहार के बच्चों को स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार से भी दूर किया जा रहा है.
इसी का नतीजा है कि बच्चों का ठीक से विकास नहीं हो रहा और वह बौनेपन का शिकार हो रहे हैं. इस बात की पुष्टि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-4 कर रहा है.
स्तनपान और ऊपरी आहार लेने वाले छह से आठ माह के बच्चों की संख्या 10 सालों में करीब 24 प्रतिशत घटी है. 16 अक्तूबर को राष्ट्रीय खाद्य दिवस है. इस खास दिन यह आंकड़ा सरकार को आईना दिखाने के लिए काफी है. एनएफएचएस-4 के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में मात्र 34.9 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें जन्म के एक घंटा के अंदर स्नपान कराया गया.
एनएफएचएस-3 की तुलना में भले ही यह 30 फीसदी बढ़ गया है, पर यह आंकड़ा खुश करने वाला नहीं है. अब भी हम मंजिल से काफी दूर हैं. इसी तरह, छह माह तक स्तनपान करने वाले बच्चों की संख्या एनएफएचएस-3 की तुलना में 25 प्रतिशत भले ही बढ़ा हो, पर यह पर्याप्त नहीं है. 10 साल में 25 प्रतशत की बढ़ोतरी का आंकड़ा अगर हम छू पाये हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि सौ फीसदी का आंकड़ा पाने के लिए और कितने साल देने होंगे.
स्वास्थ्य विभाग और आइसीडीएस के माध्यम से लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. स्तनपान और बच्चों को ऊपरी आहार देने को लेकर भी आंगनबाड़ी केंद्रों के मार्फत अभियान चलाया जाता है. उम्मीद है आने वाले कुछ सालों में स्थति बदलने में कामयाबी मिलेगी.
– आरपीएस दफ्तुआर, निदेशक, आइसीडीएस
राज्य स्वास्थ्य समिति भी कहती है
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी एक बुकलेट पर गौर करें तो छह से आठ माह के बच्चों को पूरक आहार (सप्लीमेंट्री फूड) नहीं मिलने के कारण कमजोरी होती है. बच्चों के शरीर का विकास ठीक से नहीं हो पाता है.
बौनापन भी उसी का हिस्सा है. यह बात तब और महत्वूर्ण हो जाती है, जब बिहार के 19 जिलों में कुपोषण और बढ़ते बौनेपन के कारण सरकार ने विशेष अभियान छेड़ रखा है. इन जिलों में बांका, जमुई, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, बक्सर, मधुबनी, समस्तीपुर, जहानाबाद, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, लखीसराय, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, मधेपुरा, पूर्णिया और गोपालगंज शामिल हैं.
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