पटना: सूबे के श्वान दस्ते को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. इसके भवन का जल्द ही विस्तार होनेवाला है. यही नहीं, पुलिस लाइन में श्वानों को रखने के लिए दो और केनाल बनाये जायेंगे. श्वानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. तीन माह पहले ही मेरठ से 15 श्वानों को पटना ला कर दस्ते में शामिल किया गया था. इससे अब श्वानों की संख्या 25 हो गयी है. मालूम हो कि एक श्वान डेढ़ लाख में खरीदा गया है.
सूत्रों की मानें तो जल्दी ही दस्ते में और भी श्वान शामिल किये जायेंगे. सभी लेब्राडोर प्रजाति के : मिली जानकारी के अनुसार इस दस्ते में शामिल सभी श्वान लेब्राडोर प्रजाति के हैं और दस्ते को तीन ग्रुपों में बांटा गया है. ये हैं स्नीफर, ट्रैकर व माइंस. तीनों ग्रुपों का काम लगभग एक-सा है. विस्फोटक को खोजना या फिर अपराधियों तक पहुंचना. कुल 25 श्वानों में स्नीफर वर्ग में नौ, ट्रैकर वर्ग में 12 व माइंस वर्ग में चार श्वान हैं.
आगे की योजना : राज्य में बढ़ते नक्सली या आतंकी हमले को देखते हुए हर जिले में श्वान दस्ते में चार श्वानों की तैनाती की जायेगी. यही नहीं, एक श्वान पर दो हैंडलर की जरूरत पड़ती है. फिलहाल हैंडलर की 31 है, जबकि पहले इसकी संख्या 44 थी. विभाग में फिलहाल एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर, तीन एसआइ, दो एएसआइ की भी तैनाती है.
पटना में हैं 16 श्वान
पटना जिले में दस्ते में 16 श्वान हैं, जबकि नौ श्वानों की तैनाती अलग-अलग जिलों में की गयी है. बताया जाता है कि मुजफ्फ रपुर में दो, पूर्णिया में एक, भागलपुर में दो, दरभंगा में दो, रोहतास में एक और गया में एक श्वान की तैनाती की गयी है. पटना में कुल 16 श्वानों में ट्रैकर आठ, स्नीफर पांच व माइंस की संख्या तीन है.
अलग-अलग नाम
दस्ते में तैनात श्वानों के अलग-अलग नाम भी हैं. इनमें डेका, दलेर, शेर सिंह, दिमा, मेंसन, चिप्स, रौंची, कैंपर, मानव, विशन आदि नाम प्रमुख हैं.