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बिहार : राजभवन का विवि को नोटिस, पूछा 62 साल होने पर भी क्यों बनाये रखा प्राचार्य?

करीब 38 प्राचार्य 62 साल के बाद भी कर रहे थे काम राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने 15 दिनों में कुलपतियों से मांगा जवाब पटना : राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है. राजभवन ने विश्वविद्यालयों से पूछा है कि जब कॉलेजों के प्राचार्य की सेवानिवृत्ति की उम्र एक्ट में 62 […]

करीब 38 प्राचार्य 62 साल के बाद भी कर रहे थे काम
राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने 15 दिनों में कुलपतियों से मांगा जवाब
पटना : राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है. राजभवन ने विश्वविद्यालयों से पूछा है कि जब कॉलेजों के प्राचार्य की सेवानिवृत्ति की उम्र एक्ट में 62 साल है तो इस उम्र सीमा को पार करने वाले लोग भी प्राचार्य पद पर कैसे बने हुए हैं? इस पर सभी विश्वविद्यालय 15 दिनों के अंदर जवाब देंगे. राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को जवाब देने का निर्देश दिया है. साथ 27 दिसंबर 2012 से 18 मई 2017 तक जिन प्राचार्यों ने उम्र 62 साल से ऊपर हो चुकी है उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त कराने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल सह कुलाधिपति केशरी नाथ त्रिपाठी के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय विधेयक अौर पटना विश्वविद्यालय विधेयक के अनुसार 27 दिसंबर 2012 से प्राचार्यों को शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोटि में रखा गया था. उस दिन से वे 62 साल की उम्र में ही सेवानिवृत्त हो जायेंगे. इस अधिनियम के प्रभावित रहते हुए भी विश्वविद्यालयों ने प्राचार्यों को सेवानिवृत्त नहीं किया और न ही किसी प्राचार्यों ने 62 साल की उम्र पाने पर सेवानिवृत्ति की सूचना दी.
इस मामले पर पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. शिवजनत ठाकुर ने 23 जनवरी 2017 को राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिख कर अधिनियम के अनुसार पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य को हटाने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि पटना कॉलेज के प्राचार्य डॉ राकेश वर्मा को अधिनियम के अनुसार सितंबर 2016 में ही सेवानिवृत्त हो जाना था, लेकिन उन्हें सेवानिवृत्त नहीं किया गया. इसके बाद राज्य सरकार ने मई 2017 में प्राचार्यों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष की गयी, लेकिन इसी महीने जारी गजट में फिर से 62 वर्ष कर दिया गया था.
इसी को संज्ञान में लेते हुए राजभवन ने सभी कुलपति को 15 दिनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. उधर, मगध विश्वविद्यालय ने 10 प्राचार्यों की सूची जारी की है. ये 10 प्राचार्य वैसे हैं, जो 65 साल में रिटायर हुए हैं, जबकि अधिनियम के अनुसार 65 साल में सेवानिवृत्त होना चाहिए था. वहीं, उन प्राचार्यों से अब संबंधित अवधि की वेतन व पेंशन की राशि भी वसूली जा सकती है.
मगध विवि के रजिस्ट्रार ने जारी की लिस्ट
नाम कब होना था रिटायर्ड कब हुए रिटायर्ड
प्रो सुभाष प्रसाद सिंह, प्राचार्य, जेडी वीमेंस कॉलेज 31.12.2013 31.12.2016
डॉ एनएन सिंह, प्राचार्य, बीडी कॉलेज 31.01.2013 31.01.2016
डॉ श्रीकांत शर्मा, प्राचार्य, टीपीएस कॉलेज 31.12.2012 30.09.2015
डॉ सीता राम सिंह, प्राचार्य, आरएलएसवाइ कॉलेज 31.12.2012 31.12.2015
डॉ अर्जुन प्रसाद सिंह, प्राचार्य एएम कॉलेज, गया 31.12.2012 30.06.2014
डॉ हरिद्वार सिंह, प्राचार्य, एएन कॉलेज, पटना 31.12.2012 31.01.2014
डॉ आशा सिंह, प्राचार्या, अरविंद महिला कॉलेज 31.12.2012 28.02.2014
डॉ वीरेंद्र कुमार सिन्हा, प्राचार्य, जेजे कॉलेज गया 31.12.2012 31.08.2013
डॉ वीपी विद्यार्थी, प्राचार्य, किसान कॉलेज 31.12.2012 31.08.2013
डॉ मदन मुरारी, प्राचार्य, एसएनएस कॉलेज औरंगाबाद 31.12.2012 30.06.2013
मगध विवि के प्राचार्यों की प्रोन्नति
पटना . मगध विश्वविद्यालय ने कई प्राचार्यों को प्रोन्नति दी है. मगध विवि के कुलसचिव ने कई प्राचार्यों को प्रोन्नति दी है. एएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो शशि प्रताप शाही (प्रमोशन तिथि 6.11.2013), जेडी वीमेंस की प्राचार्य डॉ मीरा कुमारी(प्रमोशन तिथि 6.11.2013), गया कॉलेज के डॉ एम शमसुल इस्लाम(प्रमोशन तिथि 4.11.2013), एसयू कॉलेज हिलसा के डॉ राजेश शुक्ला(प्रमोशन तिथि 4.11.2013) और केएलएस कॉलेज नवादा के (प्रमोशन तिथि 5.12.2013) को यूनिवर्सिटी टीचिंग ग्रेड में प्रमोशन किया है.

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