Advertisement
स्कूलों को मिलेगा उनका आशियाना लेकिन पढ़ाई से दूर हो जायेंगे बच्चे
एक कैंपस में चल रहे 202 स्कूलों के समायोजन की सूची तैयार पटना : स्कूलों का समायोजन होने के कारण भले ही उनको भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर मिल गया है, लेकिन इससे छात्राें की परेशानी बढ़ गयी है. कई इलाकों के छात्रों को स्कूल जाने के लिए ढाई से तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी […]
एक कैंपस में चल रहे 202 स्कूलों के समायोजन की सूची तैयार
पटना : स्कूलों का समायोजन होने के कारण भले ही उनको भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर मिल गया है, लेकिन इससे छात्राें की परेशानी बढ़ गयी है. कई इलाकों के छात्रों को स्कूल जाने के लिए ढाई से तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. अब तक एक कैंपस में संचालित 188 विद्यालयों का समायोजन हो चुका है. वहीं, अब 202 भवनहीन और भूमिहीन विद्यालयों के समायोजन की सूची तैयार है.
दरअसल 1999 से पटना जिले में ऐसे 800 स्कूल हैं, जो झुग्गी-झोंपड़ी और सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे थे. इन स्कूलों के लिए अपनी जमीन खोज कर अपना भवन बनाया जाना था. लेकिन, 18 वर्षों में भी शिक्षा विभाग इन विद्यालयों के लिए न तो जमीन उपलब्ध करा पायी और न ही भवन बना पायी. ऐसे में इनका समायोजन हो रहा है.
ढाई से तीन किलोमीटर बढ़ जायेगी दूरी
झुग्गी-झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय, इंद्रपुरी में कुल 84 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इस कैंपस में दो और विद्यालय झुग्गी-झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय, राजीव नगर और झुग्गी-झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय एएन कॉलेज, पानी टंकी संचालित किये जा रहे हैं.
अब इसे पटेल नगर स्थित वाणी मंदिर विद्यालय में समायोजित होना है. यदि ये तीनों विद्यालय वाणी मंदिर में शिफ्ट होते हैं, तो स्कूल के आधे से अधिक बच्चे विद्यालय से दूर हो जायेंगे.
क्योंकि इस विद्यालय में बोरिंग रोड से सटे इलाके और इंद्रपुरी के बच्चे पढ़ने आते हैं. वहीं, शिवपुरी स्थित झुग्गी-झोंपड़ी विद्यालय को शास्त्री नगर या राजवंशी नगर शिफ्ट किया जाता है, तो उन स्कूलों के बच्चों की परेशानी बढ़ जायेगी.
विद्यालय दूर हुआ, तो बच्चे पैदल नहीं जा पायेंगे
झुग्गी-झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय इंद्रपुरी की पांचवीं कक्षा की छात्रा ईशा पाटलिपुत्र इलाके में रहती है. उसकी मां रेणु देवी बताती है कि यदि स्कूल दूर हो जायेगा, तो मेरी बेटी की परेशानी बढ़ जायेगी. उतनी दूर बच्ची पढ़ने नहीं जा सकेगी. बोरिंग रोड निवासी छोटका सोरेन बताते हैं कि बोरिंग रोड में काम करता हूं. बच्चे नजदीक के स्कूल में पढ़ रहे हैं.
पर अब स्कूल दूसरे जगह चला गया, तो मेरा छोटा बच्चा स्कूल नहीं जा पायेगा. इंद्रपुरी निवासी कविता बताती हैं कि बेटी का स्कूल नजदीक है. इससे मैं भी उसके स्कूल जाने के बाद छोटा-मोटा काम कर लेती हूं. पर अब स्कूल दूर हो जायेगा. बेटी को दूर स्कूल नहीं भेज पाऊंगी. पांचवीं कक्षा की छात्रा रिमझिम की मां मुन्नी देवी कहती हैं, कि स्कूल नजदीक होने से बेटी की पढ़ाई की चिंता नहीं थी.
पर अब दूर हो जाने से उसे स्कूल जाने के लिए उतने पैसे नहीं कि उसके लिए रिक्शा कर सकूं. तब उसे घर पर ही रहना होगा. स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका अनुराधा बताती है कि स्कूल समायोजन के बाद उतने बच्चे वहां नहीं पहुंच पायेंगे. खासकर लड़कियां आधी हो जायेंगी. क्योंकि, इसमें पढ़नेवाली सभी लड़कियां नजदीक की है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement