नयी दिल्ली: बिहार कांग्रेस में बगावत को थामने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दूसरे दिन भी विधायकों के साथ लंबी बैठक की. इस बैठक में बिहार प्रभारी सीपी जोशी भी शामिल हुए. राहुल ने सभी विधायकों से बारी-बारी मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया.
इस बैठक में विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह भी शामिल हुए, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी बुलावे के बावजूद नहीं आये. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अशोक चौधरी को भी बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन नाराजगी के कारण चौधरी नहीं आये. चौधरी ने मीडिया के सामने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है.
बैठक में कई विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये. कई विधायकों ने बिहार प्रभारी सीपी जोशी की कार्यप्रणाली को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. सूत्रों का कहना है कि अक्तूबर में नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी जायेगी और सीपी जोशी की जगह किसी दूसरे नेता को प्रभारी बनाया जायेगा. विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि पार्टी से मेरी नाराजगी थी, जिसे मैंने उचित फोरम पर बता दिया है. विधायकों की टूट की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है और राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने और 2019 के चुनाव की तैयारी करने का आदेश दिया है. विधायक शकील खान ने भी कहा कि राज्य में पार्टी एकजुट है.
और टूट की खबरों में दम नहीं है. बिहार से सांसद रंजीता रंजन ने कहा कि पार्टी के प्रति वफादार लोग साथ रहेंगे और जिन्हें सत्ता का सुख चाहिए, वे दूसरी जगह की तलाश में रहते हैं. पार्टी से किसी को शिकायत है तो उसे उचित फोरम पर रखना चाहिए. हालांकि कुछ विधायकों ने स्वीकार किया कि हाईकमान ने विधायकों की नाराजगी को दूर करने में देर कर दी है. भले ही फिलहाल पार्टी में विभाजन नहीं हो, लेकिन अब इसे रोकना मुश्किल है. महागठबंधन टूटने के बाद कई विधायक जदयू और भाजपा के संपर्क में हैं.
बैठक में कदवा के विधायक शकील खान, कोढ़ा की विधायक पूनम पासवान, कसबा के विधायक अफाक आलम, अररिया के विधायक अबीदुर्रहमान, विधान परिषद के सदस्य मदन मोहन झा, विधान परिषद के सदस्य राजेश राम, मोहम्मद जावेद, बेतिया के विधायक मदन मोहन तिवारी, अवधेश सिंह और भावना झा शामिल हुई. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने बुधवार को भी कई कांग्रेसी विधायकों से मुलाकात की थी. इससे पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अशोक चौधरी और सदानंद सिंह से मिलकर राजनीतिक हालात की जानकारी ले चुकी हैं.
डॉ अशोक चौधरी का छलका दर्द कहा- बड़े नेता कर रहे साजिश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए पार्टी के बड़े नेताओं पर साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता अपने चहेते को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, इस वजह से मुझे बदनाम किया जा रहा है. मैं पिछले 25 साल से पार्टी की सेवा कर रहा हूं. युवाओं को पार्टी से जोड़ा. मेरे अध्यक्ष रहते हुए विधायकों की संख्या चार से बढ़कर 27 हो गयी. बातचीत के दौरान वे भावुक हो गये व उनकी आंख भर आयी. उन्होंने कहा कि पार्टी को मेरी वफादारी पर कोई शंका नहीं है, लेकिन दिल्ली में बैठे कुछ सीनियर नेता ही मुझे पद से हटाने के लिये खेल रच रहे हैं.उन्होंने बिहार में पार्टी की संभावित टूट की आशंका से भी इनकार किया है.
उन्होंने कहा कि ये सब सोची-समझी साजिश चल रही है. महागठबंधन में जब मैं मंत्री पद पर था, तब भी लोग खुश नहीं थे. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बात पार्टी आलाकमान के सामने रख दी है.गठबंधन से अलग होने के बाद पार्टी कई चुनौतियों का सामना कर रही है.