नयीदिल्ली: पूर्व नौकरशाह एवं बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद राज कुमार सिंह (आरके सिंह) ने बिजली मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरइ) का कार्यभार आज संभाल लिया. इस मौके पर उन्होंने अपने पूववर्ती पीयूष गोयल के बिजली क्षेत्र में किये गये काम की सराहना करते हुए क्षेत्र को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जतायी.
मंत्रिमंडल में रविवार को हुए फेरबदल में सिंह को बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस फेरबदल में सिंह के पूर्ववर्ती गोयल को रेल मंत्री बनाया गया है. उनके पास कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. आरके सिंह के समक्ष अन्य कार्यक्रमों समेत 2019 तक सभी नागरिकों को भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना को अमली जामा पहनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी.
पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा, ऊर्जा क्षेत्र में उनके पूर्ववर्ती (गोयल) ने जो गति लायी है, वह दिखती है. मेरा प्रयास होगा कि कामकाज के जो मानक उन्होंने तीन साल में बनाये हैं, मैं उसके अनुरुप कार्य करें.’ उन्होंने कहा, ‘मैं गोयल को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्होंने जो अच्छे काम शुरू किये हैं, उसे आगे बढ़ाया जायेगा और प्रधानमंत्री ने बिजली क्षेत्र को लेकर जो लक्ष्य रखे हैं, उसे पूरा किया जायेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि मंत्रालय की ऊर्जावान टीम के साथ यह क्षेत्र नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा.
इस मौके पर मौजूद गोयल ने सिंह को नयी जिम्मेदारी की बधाई देते हुए कहाकि देश के गरीब, किसान और वंचित लोगों को लेकर उनकी (आरके सिंह की) चिंता है. मैं जब भी बैठकों में उनसे मिला, उनकी चिंता होती थी कि गांव ही नहीं हर घर तक बिजली पहुंचे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सिंह की अगुवाई में बिजली मंत्रालय अच्छे कामकाज का उल्लेखनीय उदाहरण बनेगा.
आरके सिंह ने कहा कि गोयल ने बढ़िया काम (बिजली और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में) किया है और उम्मीद जतायी कि रेलवे में भी कायापलट होगा. गोयल के तीन साल से अधिक के कार्यकाल में बिजली क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई हैं. इसमें 2016-17 में पहली बार अधिशेष बिजली वाला देश बनना शामिल है. वहीं कोयले की किल्लत की समस्या दूर हुई और इसका आयात भी कम हुआ. उन्होंने बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की उदय योजना का सफल क्रियान्वयन किया.
गोयल के कार्यकाल में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में जहां सौर ऊर्जा की 2.44 रुपये प्रति यूनिट पर पहुंच गयी वहीं पवन ऊर्जा के मामले में यह 3.46 रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी है. ऐसे में नये बिजली मंत्री के समक्ष इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेदारी होगी.
आरके सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के तौर पर अपने चार दशक के करियर के बाद वर्ष 2013 में राजनीति में आये. उनके पास अन्य संबंधित कार्यक्रमों समेत 2019 तक सभी नागरिकों को भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी. साथ ही उन गांवों में बिजली पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची है.
सरकारी आंकड़े के अनुसार 19 मई 2017 तक बिजली से वंचित कुल 18,452 गांवों में से 13,511 गांवों तक बिजली पहुंचा दी गयी है. इसके अलावा, सरकार ने 2022 अक्षय उर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. सिंह के लिये यह भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.
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