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कैदी वार्ड में राजनीतिक रसूखदार व दबंग कैदियों पर अदालत गंभीर

बीमारी का बहाना : चिकित्सा वार्ड में भर्ती होकर जेल में रहने से बच रहे हैं कैदी पटना : पटना हाइकोर्ट ने सूबे के जेलों में बंद दबंग व राजनीतिक रसूखदार कैदियों द्वारा चिकित्सकों की मिलीभगत से अनुचित रूप से गैरजरूरी चिकित्सकीय लाभ लेने के मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है. कोर्ट […]

बीमारी का बहाना : चिकित्सा वार्ड में भर्ती होकर जेल में रहने से बच रहे हैं कैदी
पटना : पटना हाइकोर्ट ने सूबे के जेलों में बंद दबंग व राजनीतिक रसूखदार कैदियों द्वारा चिकित्सकों की मिलीभगत से अनुचित रूप से गैरजरूरी चिकित्सकीय लाभ लेने के मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है.
कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह की मोहलत प्रदान करते हुए की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया था कि सूबे की विभिन्न जेलों में बंद दबंग, रसूखदार एवं राजनीतिक दलों से संबंध रखनेवाले कैदी जेल में रहने के बजाय चिकित्सकों की मिलीभगत से चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा वार्ड में भर्ती होकर जेल में रहने से बच रहे हैं. याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को यह भी बताया गया कि इस संबंध में अदालत ने पूर्व में ही अपने आदेश में कई दिशा-निर्देश जारी कर रखा है.
बावजूद इसके उक्त आदेश का सही तरीके से अनुपालन नहीं हो रहा है. ऐसे में जिन कैदियों को इलाज की आवश्यकता है, उन्हें इलाज न मिल कर दबंग एवं रसूखदार कैदी इसका लाभ उठा रहे हैं.
अतिक्रमित भूमि मामले में कार्रवाइयों का ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश
पटना : निचली अदालतों में लंबित सूबे के विभिन्न जिलाें एवं अनुमंडल अस्पतालों की अतिक्रमित भूमि से संबंधित रिपोर्ट देने के हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में कई जिला न्यायाधीशों ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है. जिन जिलों से रिपोर्ट नहीं आयी है, कोर्ट ने उन्हें भी अविलंब पटना हाइकोर्ट के महानिबंधक के पास जमा कराने का निर्देश दिया है.
साथ ही राज्य सरकार से अब तक इस संबंध में की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा चार सप्ताह के भीतर अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पीएमसीएच सहित राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं के एक्सपायरी होने व अस्पताल की दवाएं बाजार में बिक्री किये जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग एवं ड्रग कंट्रोलर को चार सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. गौरतलब है कि याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया था कि पीएमसीएच की बारह लाख की दवाएं बाजार में बिक्री होते पकड़ी गयी हैं.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है. बुधवार को सुनवाई के क्रम में याचिकाकर्ता ने पूरक शपथ पत्र दायर करते हुए अदालत को बताया कि फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के लेटर पैड पर 19 अगस्त को तथाकथित धमकी भरा और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला पत्र वितरित किया है.
अदालत ने सरकार के महाधिवक्ता को प्रशासनिक स्तर पर मामले को देखने का निर्देश दिया.पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पटना में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या को लेकर गंभीरता दिखाते हुए पटना नगर निगम से चार सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने रवींद्र कुमार करण की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि राजधानी में लगातार प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो रहा है. इसका प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.
आमजन प्रदूषण जनित विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, परंतु न सरकार और न प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा ही प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाया जा रहा है.
इस मामले में अदालत ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से यह बताने का निर्देश दिया कि वह इस समस्या से निबटने के लिए क्या कार्रवाई कर रही है. साथ ही राज्य सरकार एवं पीसीबी को यह भी बताने का निर्देश दिया कि क्या इस गंभीर समस्या से निबटने के लिए क्या कोई प्रणाली भी तैयार की जा रही है. बुधवार को सुनवाई के क्रम में अदालत ने पटना नगर निगम से भी इस संबंध में की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
नॉर्थ कोयल रिवर वायर प्रोजेक्ट मामले में बिहार व झारखंड सरकार से जवाब-तलब
पटना. पटना हाइकोर्ट ने चार दशक बाद भी बिहार एवं झारखंड की महत्वाकांक्षी नॉर्थ कोयल रिजर्वायर प्रोजेक्ट का कार्य पूर्ण नहीं होने को लेकर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए इस संबंध में बिहार एवं झारखंड सरकार को चार सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने रवींद्र कुमार करण की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

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