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बिहार : कैबिनेट के फैसले का इंतजार, बुडको में मर्ज हो जायेंगी एजेंसियां
कैबिनेट के फैसले का इंतजार, जल पर्षद व डूडा को मिलाने की तैयारी पटना : बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) में नगर विकास व आवास विभाग की कई एजेंसियों को मिलाने की कवायद तेज हो गयी है. बुडको में बिहार राज्य जल पर्षद व जिला शहरी विकास एजेंसी (डूडा) को मर्ज […]
कैबिनेट के फैसले का इंतजार, जल पर्षद व डूडा को मिलाने की तैयारी
पटना : बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) में नगर विकास व आवास विभाग की कई एजेंसियों को मिलाने की कवायद तेज हो गयी है. बुडको में बिहार राज्य जल पर्षद व जिला शहरी विकास एजेंसी (डूडा) को मर्ज करने की तैयारी पूरी हो गयी है.
इन एजेंसियों को मर्ज करने के बाद एक नयी अरबन डेवलपमेंट बॉडी बनाने की पूरी रूप रेखा तैयार हो गयी है. बुडको की ओर से पूरी कार्ययोजना तैयार कर नगर विकास व आवास विभाग में भेज दी गयी है. वहां से लगभग प्रारूप को स्वीकृति मिल चुकी है. अब मामले को विभाग के माध्यम से कैबिनेट भेजने की तैयारी चल रही है. जैसे ही कैबिनेट से मुहर लगेगी, बुडको में इन एजेंसियों को मर्ज कर दिया जायेगा.
विभाग के निर्देश पर बुडको सहित ये एजेंसियां शहर में आधारभूत संरचना विकास का काम मसलन सड़क निर्माण, नालों का निर्माण, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम, संप का निर्माण, जलापूर्ति, ड्रेनेज, सीवरेज पाइप लाइन विस्तार सहित अन्य शहरी विकास का काम करती हैं.
विकास के लिए इनको विश्व बैंक, एशिया डेवलपमेंट बैंक, केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की ओर से नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से राशि उपलब्ध होती है. नगर विकास व आवास विभाग की एजेंसियों के बीच सामंजस्य का अभाव बीते कई वर्षों से देखा जा रहा था. विभाग के अधिकारी बताते हैं कि एजेंसियां किये गये काम व आगे की योजनाओं को निगम से साझा नहीं करती हैं.
कर्इ बार ऐसा देखा गया है कि एक ही जगह नाला और सड़क निर्माण के काम के लिए दो अलग एजेंसियों की ओर से योजना बनायी जाती है, जो पैसे के साथ समय की बरबादी का कारण बनता है. एेसे में इन एजेंसियों को आपस में मर्ज करने की जरूरत है.
आवास बोर्ड को रखा जायेगा अलग
विभाग की दूसरी एजेंसी बिहार राज्य आवास बोर्ड को इससे अलग रखा जायेगा. विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि सभी काम करनेवाली एजेंसियों के साथ आवास बोर्ड को मर्ज नहीं किया जायेगा़ आवास बोर्ड का काम अन्य एजेंसियों से इतर है. आवास बोर्ड की कार्यक्षमता को अभी और विकसित करने की योजना है.
बुडको में ही बनेगा अलग-अलग विंग : अभी बुडको का काम केंद्र की योजना के अलावा एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंड और नगर विकास व आवास विभाग की ओर से आवंटित काम को पूरा करना है. जब अन्य एजेंसियों को बुडको के साथ मर्ज कर दिया जायेगा, तो काम के अाधार पर अलग-अलग विंग बनाये जायेंगे.
नहीं है बेहतर छवि : योजनाओं को पूरा करने को लेकर बुडको की छवि बेहतर नहीं है. राजधानी में कई ऐसे काम हैं, जिन्हें बुडको की ओर से शुरू किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ. अभी भी सभी वार्डों में पेयजल की सुविधा, जलमीनार का निर्माण, शहरी बसों का परिचालन, बस क्यू शेल्टर, सीवरेज नेटवर्क आदि हैं.
न कचरे का वर्गीकरण, न खाद बनाने का लगा प्लांट
पटना. सफाई की बेहतर व्यवस्था के लिए आये दिन कोई न कोई नया प्लान बनता है. कभी मैनपावर बढ़ाने की कोशिश, कभी नये-नये उपकरणों की खरीदारी की जाती है. अन्य शहरों में जाकर वहां की बेहतर सफाई प्लानिंग देख कर भी आते हैं. इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. एक माह पहले निगम ने स्वच्छ भारत मिशन की गाइड लाइन के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन कर गीला व सूखा कचरा अलग-अलग कलेक्ट करने के लिए योजना की शुरुआत की थी.
इसमें नीला व हरा डस्टबीन पूरे शहर में अलग-अलग जगहों पर रखा जाना था. जबकि, अब तक सिर्फ मौर्यालोक में एक दो जगह रंगीन डस्टबीन रखे गये हैं.
जमीन पर एक भी काम नहीं हुआ : शहर में आठ वार्डों में या पांच वार्डों के लिए एक सामूहिक रूप से कंपोस्ट बनाने का प्लांट लगाना था. नगर विकास व आवास विभाग के निर्देश के अनुसार नगर निगम के अधिकारी मुजफ्फरपुर नगर निगम में लगे प्लांटों का निरीक्षण कर आये, लेकिन अब तक इस दिशा में जमीन पर एक भी काम नहीं हुआ है. योजना केवल फाइलों में ही अटकी है.
योजनाओं को जमीन पर उतारने में समय लगाता है. खाद बनाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा किया है. – अभिषेक सिंह, नगर अायुक्त
इंदौर घूम आये अधिकारी : स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में इंदौर का पहला स्थान आने के बाद निगम के तात्कालिक अपर नगर आयुक्त ने इंदौर नगर निगम की सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग की थी. सफाई का सिस्टम क्या है. इसकी पूरी व्यवस्था का निरीक्षण किया था. अब उस अधिकारी का तबादला भी हो गया है.
31 को निगम बोर्ड की बैठक
पटना. नगर निगम बोर्ड की साधारण बैठक 31 अगस्त को होगी. इस बार बैठक का आयोजन श्रीकृष्णापुरी स्थिति सामुदायिक भवन में आयोजित किया गया है. बैठक में साफ-सफाई पर चर्चा, प्राइवेट कंपनी को राजस्व वसूली का अधिकार, प्रत्येक वार्ड में पांच पांच अतिरिक्त सफाई मजदूर करने का प्रस्ताव व मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत राशि भी स्वीकृति दिया जाने का प्रस्ताव है.
समिति को निगम बोर्ड से करना होगा प्लान को साझा
पटना. स्मार्ट सिटी के तहत बने राजधानी के विकास प्लान को अब नगर निगम की बोर्ड के साथ ही साझा करना होगा. नगर विकास व आवास विभाग की बैठक में डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू की ओर से मुद्दा उठाये जाने के बाद विभाग की ओर से नगर आयुक्त को निर्देश देकर स्मार्ट सिटी का आरएफपी निगम बोर्ड के माध्यम से वार्ड पार्षदों को भी बताना होगा. स्मार्ट सिटी में कहां पर किस तरह का विकास करना है. कहां क्या योजना बनी है. इसकी पूरी कार्ययोजना पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दिखाने का निर्देश दिया गया है. स्मार्ट सिटी के लिए एक कंपनी का गठन किया जाना है. इसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से लेकर एमडी, सीइओ व कंसल्टेंट व अन्य तरह के पोस्ट बनाये जाने हैं. प्रमंडलीय आयुक्त वाली कमेटी ने इसके प्रारूप को फाइनल कर दिया है.
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