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वार्डेन के इंतजार में नामांकन रुका

अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए 12 ब्लॉकों में छात्रावास बनकर तैयार पटना : एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए 12 ब्लॉक में बालिका छात्रावास बनकर तैयार हैं. लेकिन, योजना के पांच वर्ष बाद भी लड़कियों का छात्रावास में रहने का सपना पूरा नहीं हो पाया है. वार्डेन और आधारभूत संरचना के […]

अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए 12 ब्लॉकों में छात्रावास बनकर तैयार
पटना : एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए 12 ब्लॉक में बालिका छात्रावास बनकर तैयार हैं. लेकिन, योजना के पांच वर्ष बाद भी लड़कियों का छात्रावास में रहने का सपना पूरा नहीं हो पाया है. वार्डेन और आधारभूत संरचना के अभाव में बालिका छात्रावास में नामांकन रुका है. ऐसे में पांच वर्षों बाद भी अनुसूचित जाति-जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का छात्रावास में रहने का इंतजार है.
23 में से मात्र 12 ब्लॉकों में ही बना छात्रावास : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से वर्ष 2013 में सभी जिले के प्रत्येेक ब्लॉक में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों की छात्राओं के लिए 100 सीट वाली बालिका छात्रावास की सुविधा प्रदान की जानी थी. इसमें विद्यालय निर्माण में खर्च की जाने वाली 80 फीसदी राशि केंद्र व 20 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जानी थी.
प्रत्येक छात्रावास के लिए 42 लाख की राशि स्वीकृत की गयी थी. भवन बनाने का काम बिहार आधारभूत संरचना को दिया गया था. लेकिन, पांच वर्षों में पटना जिले के 23 में से मात्र 12 ब्लॉक में ही छात्रावास बनाने का काम पूरा हो पाया है. इतना ही नहीं 12 में एक खुशरूपुर ब्लॉक छोड़कर किसी भी छात्रावास में नामांकन का काम शुरू नहीं हो सका है. वार्डेन और आधारभूत संरचना के अभाव में लड़कियों का नामांकन बाधित है.
इन कारणों से रुका है नामांकन :
छात्रावास में एक वार्डेन, एक रसोइया और एक रात्रि प्रहरी की व्यवस्था की जानी है. वार्डेन के रूप में स्कूल शिक्षिका की नियुक्ति की जानी है. इसके लिए उन्हें अतिरिक्त पांच हजार रुपये भी देने का प्रावधान किया गया है.
पर वार्डेन के रूप में शिक्षिका काम करने के लिए तैयार नहीं हो पा रही है. इसके अलावा छात्रावास में आधारभूत संरचना का काम राज्य माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से किया जाना है. लेकिन भवन बनने के एक साल बाद भी अब तक छात्रावास में आधारभूत संरचना का काम पूरा नहीं किया जा सका है. वहीं, शेष ब्लॉक में छात्रावास के लिए पर्याप्त जगह के अभाव में अब तक छात्रावास का निर्माण नहीं हो सका है.
छात्रावास में छात्राएं रहने को तैयार नहीं
12 ब्लाॅक में छात्रावास बनकर तैयार हैं. पर, वार्डेन के रूप में कोई भी शिक्षिका रात में छात्रावास में रहने के लिए तैयार नहीं है. इससे छात्रावास में नामांकन का काम पूरा नहीं हो रहा है. वहीं, छात्रावास में आधारभूत संरचना की कमी बनी हुई है. इससे लड़कियां का नामांकन लेने के बावजूद वह नहीं रह रही हैं.
डाॅ अशोक कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी

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