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एम्स में इमरजेंसी वार्ड के लिए मरीजों को अभी करना होगा लंबा इंतजार
पटना. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के मरीजों को इमरजेंसी वार्ड के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि, वार्ड में न तो ओपन सर्जरी मशीन लायी गयी और न ही इसके लिए अलग से डॉक्टरों की बहाली की गयी है. इतना ही नहीं सर्जरी के उपकरण व बिल्डिंग निर्माण में अगर इसी तरह […]
पटना. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के मरीजों को इमरजेंसी वार्ड के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि, वार्ड में न तो ओपन सर्जरी मशीन लायी गयी और न ही इसके लिए अलग से डॉक्टरों की बहाली की गयी है. इतना ही नहीं सर्जरी के उपकरण व बिल्डिंग निर्माण में अगर इसी तरह लेट-लतीफी जारी रही, तो मरीजों को इमरजेंसी वार्ड के लिए करीब तीन माह तक का लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
नहीं शुरू हो पायी इमरजेंसी : इमरजेंसी वार्ड शुरू करने से पहले किसी भी अस्पताल में सीनियर डॉक्टरों के अलावा ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, आइसीयू और पोस्टमार्टम होना जरूरी है. जबकि, यह सुविधाएं एम्स में अब तक शुरू नहीं हो पायी है. इन चारों सुविधाओं के बिना किसी भी अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड शुरू नहीं किया जा सकता है. जबकि, हकीकत यह है कि एम्स में न तो आइसीयू बनाया जा रहा और नहीं पोस्टमार्टम हाउस.
रेफर होते हैं गंभीर मरीज : सस्ता इलाज होने के चलते यहां रोजाना 1000 से 1200 मरीज ओपीडी में आते हैं. इसमें कई ऐसे मरीज हैं, जो सड़क दुर्घटना या फिर गंभीर बीमारी को लेकर आते हैं. भरती की सुविधा नहीं होने के चलते मरीजों को आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, फिर प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ उमेश भदानी का कहना है कि डॉक्टरों की बहाली व ब्लड बैंक निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. उम्मीद है कि बहुत जल्द इमरजेंसी सेवा भी बहाल कर दी जायेगी.
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