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डीएम बनने के बाद गांव आने का किया था वादा

दरियापुर (सारण) : बक्सर डीएम मुकेश पांडेय की आत्महत्या की खबर से उनके पैतृक गांव दरियापुर प्रखंड की विश्वंभरपुर पंचायत के संझा गांव में मातम छा गया है. यह बात गांववालों को पच नहीं रही थी. क्योंकि उनके पड़ोसी स्वराज सिंह साल में दो बार गुवाहाटी स्थित नूनमाटी मोहल्ले में बने मकान पर जाया करते […]

दरियापुर (सारण) : बक्सर डीएम मुकेश पांडेय की आत्महत्या की खबर से उनके पैतृक गांव दरियापुर प्रखंड की विश्वंभरपुर पंचायत के संझा गांव में मातम छा गया है.
यह बात गांववालों को पच नहीं रही थी. क्योंकि उनके पड़ोसी स्वराज सिंह साल में दो बार गुवाहाटी स्थित नूनमाटी मोहल्ले में बने मकान पर जाया करते हैं और चार माह पहले भी आम लेकर गये थे. उन्होंने बताया कि डीएम मुकेश पांडेय काफी मिलनसार व्यक्ति थे, वे मुझे पिता के समान इज्जत देते थे. आइएएस बनने के बाद कार्य की व्यस्तता की वजह से नहीं आ सके. इधर संझा आने का प्लान किया था कि बक्सर में योगदान करने के बाद घर आऊंगा, लेकिन नहीं आ सके.
काफी मिलनसार था मेरा भतीजा : चाचा अनिल पांडेय ने कहा कि मुकेश मेरा भतीजा था, जो काफी मिलनसार था. उससे मुलाकात पटना में हाल ही में हुई थी.
फोन से बात होती थी. घटना की सूचना टीवी से रात्रि में हुई, तो बड़े भाई सिद्धेश्वर पांडेय से भी बात की.कौना दुखे बेटा हमर जान गवइले : चाची कौशल्या कुंअर ने कहा कि बबुआ के विवाह में पटना गईल रही. फोनवा से बात होते रहल. लेकिन कौना दुखे बेटा हमर जान गवइले, हम नईखी जानत.
ईमानदार अधिकारी के रूप में चर्चित थे मुकेश पांडेय
बलिया के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश पांडेय की मौत की खबर शुक्रवार की सुबह जैसे ही टीवी चैनलों के माध्यम से लोगों को मिली बलिया अनुमंडल क्षेत्र में शोक की लहर छा गयी. बक्सर के जिलाधिकारी मुकेश पांडेय का कार्यकाल बलिया में कम दिनों का ही रहा. लेकिन वे अपने छोटे से कार्यकाल में ही लोगों के दिलों पर छा गये थे. बलिया में 1 सितंबर 2014 से 12 अगस्त 2015 तक के अपने कार्यकाल में उन्होंने बलिया अनुमंडल के लोगों के बीच अपनी अलग छाप छोड़ी थी. लोग बताते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान एक डीलर उन्हें मछली दे रहा था, इस पर वे उस डीलर को रुपये देने लगे. उस डीलर ने कहा कि सर यह अपने पोखर की है. तब उन्होंने यह कहते हुए मछली वापस कर दिया कि अगर आप पैसे लेंगे तभी हम मछली लेंगे. उनके निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसमें एसडीओ ब्रजकिशोर चौधरी, एसडीपीओ रंजन कुमार, बीडीओ मनोज पासवान, सीओ वीभारानी समेत अन्य लोग शामिल हुए थे.
दो साल की सेवा में नहीं हुआ था कोई भी विवाद
कटिहार
जिसने भी सुना वह भौचक रह गया. किसी के गले यह बात नहीं उतर रही है कि मुकेश पांडेय जैसे सख्सियत खुदकुशी भी कर सकता है. कटिहार में करीब दो साल तक डीडीसी के रूप में काम करने वाले श्री पांडेय किसी पारिवारिक उलझन में भी थे, ऐसा किसी को आभास तक नहीं था. अचानक गुरुवार की रात उनके आत्महत्या करने की खबर जैसे ही पहुंची, तो लोग अवाक रह गये. शुरुआत में तो लोगों को इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था श्री पांडेय आत्महत्या किये हैं.
सोशल मीडिया व अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में खबर आने के बाद लोग अपने-अपने स्तर से इसकी पुष्टि करने में जुटे रहे. जब कन्फर्म हो गया कि खुदकुशी करने वाले कटिहार के डीडीसी रहे श्री पांडेय ही हैं, तो हर तबका गमगीन हो गया. सरकारी महकमे में भी हर कोई उनकी मौत से दुखी था. हर तबके के लोग श्री पांडेय की मौत को लेकर अपने अपने हिसाब से आकलन कर रहे थे.
गार्ड से कहा था, दो िदन बाद आऊंगा
सर्किट हाउस के केयर टेकर, गार्ड और रसोइये ने कहा कि साहेब कमरा संख्या आठ में रहते थे. केयर टेकर रामबाबू ने बताया कि 10 अगस्त की सुबह करीब चार बजे डीएम साहब गार्ड और ड्राइवर के साथ पटना के लिए चले गये. एयरपोर्ट पर सुरक्षा गार्ड मानव शंकर ने बताया कि उन्होंने दो दिन बाद आने की बात कही थी.
मो मोबिन को मिला बक्सर डीएम का प्रभार
पटना : बक्सर के तत्कालीन डीएम मुकेश पांडेय की आत्महत्या के बाद डीएम का पद खाली हो गया है. तत्कालीन व्यवस्था के तहत सामान्य प्रशासन विभाग ने बक्सर के वरीय उपसमाहर्ता मो मोबिन अंसारी को डीएम का प्रभार सौंप दिया है. इससे संबंधित अधिसूचना जल्द ही जारी होगी.

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