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मोबाइल फोन ट्रैकिंग से पकड़े जा रहे शराब तस्कर
तस्करों के बैंक खाते भी सीज कर रही पुलिस पटना : राज्य में शराब तस्करों पर हर तरह से शिकंजा कसा जा रहा है. उन्हें पकड़ने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग सबसे कारगर साबित हो रहा है. यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने दी. उन्होंने कहा कि तस्करी का ट्रेंड बदल रहा है. अब तस्कर […]
तस्करों के बैंक खाते भी सीज कर रही पुलिस
पटना : राज्य में शराब तस्करों पर हर तरह से शिकंजा कसा जा रहा है. उन्हें पकड़ने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग सबसे कारगर साबित हो रहा है. यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने दी. उन्होंने कहा कि तस्करी का ट्रेंड बदल रहा है.
अब तस्कर छोटे स्तर पर शराब की खेप को अन्य सामानों के बीच छिपा कर ला रहे हैं. ऐसे में पुलिस भी इस तरह के सिंडिकेट को दबोचने के लिए रणनीति को बदल दी है. जो भी तस्कर पकड़े जा रहे हैं, उनके मोबाइल की ट्रैकिंग और तमाम डाटा की ऐनालिसिस सी-5 नामक सॉफ्टवेयर की मदद से की जा रही है. इससे उन तमाम नंबरों का पता चला जाता है, जिनसे तस्कर ने बार-बार बात की हो. उन्होंने कहा कि शराबबंदी में लापरवाही बरतने वाले 48 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई और पांच को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है. जबकि सिपाही, हवलदार से लेकर अन्य स्तर के 37 पुलिस कर्मियों को निलंबित और 13 को बर्खास्त किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि शराब तस्करों की गाड़ी, जमीन-घर को जब्त करने के अलावा बैंक खाते भी सीज की जा रहे हैं.
अब तक आधा दर्जन बैंक खातों को फ्रीज किया जा चुका है. इन बैंक खातों में तस्करों ने बाहर से शराब मंगवाने के लिए लाखों रुपये का ट्रांजैक्शन किया है. राज्यभर में 10 मई से 30 जुलाई तक हुई कार्रवाई में 8 हजार 321 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसमें एक लाख 58 हजार देसी और एक लाख 87 हजार विदेशी शराब बरामद हो चुकी है. चार हजार 900 लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है. 401 निजी भवनों और 78 व्यावसायिक भवनों के अलावा वाहन समेत अन्य सामान जब्त किये जा चुके हैं.
केस स्टडी करेगी इओयू
राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद शराब की तस्करी अलग-अलग तरीके से बेहद तेजी से बढ़ गयी है. अब इस पर नकेल कसने के लिए पुलिस महकमा के स्तर पर एक खास रणनीति तैयार की गयी है. इसके तहत राज्य में जिन-जिन स्थानों पर शराब की बड़ी खेप पकड़ी गयी या पकड़ी जा रही है.
वहां आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की विशेष टीम जायेगी और इससे जुड़े सभी पहलूओं की गहराई से जांच करेगी. इसके साथ ही संबंधित स्थानीय थाना में इस मामले की चल रही जांच की भी यह समीक्षा करेगी. अबतक इओयू की टीम हाल में समस्तीपुर में पकड़ा गया ढाई हजार लीटर शराब के अलावा मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान और गोपालगंज जिले में उन स्थानों का विजिट कर चुकी है, जहां से बड़े स्तर पर शराब की खेप पकड़ी गयी है.
इओयू की इस टीम का मुख्य मकसद होगा, संबंधित स्थान पर पहुंच कर शराब की तस्करी के पूरे मोडस ऑपरेंडी को समझना है.
यह पता करना मुख्य मकसद होगा कि शराब की यह खेप कहां से और कैसे यहां तक आयी. शराब की इस तस्करी से कौन-कौन से लोग जुड़े हुए हैं. दूसरे राज्यों से शराब यहां कौन भेज रहा है और यहां उसे रिसीव कौन कर रहा है. इन तमाम बातों का पता करके इसके आधार पर ठोस कार्रवाई की जायेगी. शराब की तेजी से बढ़ रही तस्करी को इसमें शामिल पूरे रैकेट के साथ पकड़ने और इनके पूरे गिरोह का सफाया करने के लिए यह रणनीति तैयार की गयी है.
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