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जय माता दी के जयकारे से गूंज उठा फुलवारीशरीफ
फुलवारीशरीफ : गुरुवार को जय माता दी के जयकारे लगाते हजारों श्रद्धालु संगत पर स्थित मां काली के मंदिर से निकले. मौका था फुलवारीशरीफ में 199 साल से चली आ रही डाली पूजा यानी खप्पर पूजा की. संध्या साढ़े सात बजे आस्था की एक अनोखी तसवीर शहर के प्रखंड मुख्यालय के सामने स्थित मां काली […]
फुलवारीशरीफ : गुरुवार को जय माता दी के जयकारे लगाते हजारों श्रद्धालु संगत पर स्थित मां काली के मंदिर से निकले. मौका था फुलवारीशरीफ में 199 साल से चली आ रही डाली पूजा यानी खप्पर पूजा की. संध्या साढ़े सात बजे आस्था की एक अनोखी तसवीर शहर के प्रखंड मुख्यालय के सामने स्थित मां काली मंदिर से निकलते हुए जिन लोगों ने देखा वे अपने को धन्य महसूस करे रहे थे. आस्था के इस जन समुद्र के सबसे आगे मंदिर के पुजारी जितमोहन के हाथ में डाली (खप्पर) थी, जिसमें आग जल रही थी और उनके पीछे-पीछे हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ जयकारे लगाते दौड़ लगा रही थी.
क्या है मान्यता : देवी मंदिर के सचिव देवेंद्र प्रसाद ने बताया की खप्पर पूजा को लेकर ऐसी मान्यता है किकरीब 199 साल पहले महामारी से फुलवारीशरीफ और आसपास के लोगों की जान बचाने के लिए पहली बार माता की डाली निकली थी. इसके बाद इलाके के सभी लोग ठीक हो गये थे. तब से आज तक हर वर्ष डाली पूजा की परंपरा चली आ रही है.
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